"अमृत नाहटा": अवतरणों में अंतर
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'''अमृत नाहटा''' (16 मई 1928 – 26 अप्रैल 2001) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, जो तीन बार [[लोक सभा]] के लिए चुने गये, तथा फ़िल्म निर्माता थे। वो दो बार [[बाड़मेर]] से [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। यद्दपि उन्होंने [[आपातकाल (भारत)|आपातकाल]] के पश्चात कांग्रेस को छोड़ दिया और 1977 में विवादास्पद फ़िल्म [[किस्सा कुर्सी का (1977 फ़िल्म)|किस्सा कुर्सी का]] बनाने चले गये। उन्होंने एक बार दुबारा [[जनता पार्टी]] के प्रत्याशी के रूप में [[पाली]] निर्वाचन क्षेत्र से पर्चा भरा और लोकसभा में अपनी सेवायें दी।
==पूर्व जीवन और शिक्षा==
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उन्होंने फ़िल्मों में भी अपना भाग्य आजमाया, उन्होंने तीन फ़िल्मों में निर्माता और निर्देशक का कार्य किया: जिनमें प्रथम ''संत ज्ञानेश्वर'' जो एक धार्मीक जीवनी- चलचित्र था 1965 में प्रदर्शित किया। 1967 में उन्होंने अपनी दूसरी रहस्यमय फ़िल्म ''रातों का राजा'' का निर्माण किया। 1977 में उन्होंने राजनीति पर आधारित फ़िल्म ''[[किस्सा कुर्सी का (1977 फ़िल्म)|किस्सा कुर्सी का]]'' का निर्माण सम्पन्न किया। यह फ़िल्म तत्कालीन प्रधानमंत्री [[इन्दिरा गांधी]] और उनके पुत्र [[संजय गांधी]] पर व्यंग्य थी जिसे आपातकाल की अवधि के दौरान प्रतिबंधित कर दिया, [[केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड|प्रमाणन बोर्ड]] के कार्यालय से सभी मुद्रित प्रतियाँ ले ली गयी जिसके बाद उन्होंने [[गुड़गांव]] में मारुति कारखाना खोला जहाँ जलने की घटना घटित हुई, इसके अनुवर्ती जाँच के लिए [[शाह आयोग]] स्थापित किया गया। नहाटा ने अन्य किसी फ़िल्म का निर्माण नहीं किया।<ref>{{Cite web | title = 1978- Kissa Kursi Ka: Celluloid chutzpah : Cover Story| url =http://indiatoday.intoday.in/story/1978-+Kissa+Kursi+Ka:+Celluloid+chutzpah/1/76362.html | publisher =[[इण्डिया टुडे]] | date =24 दिसम्बर 2009| accessdate = 3 जुलाई 2013 }}</ref><ref>{{Cite web | title = 30 greatest stories revisited: Sanjay Gandhi and 'Kissa Kursi Ka' film lampooning him : Cover Story | url = http://indiatoday.intoday.in/story/sanjay-gandhi-faces-trial-for-destroying-film-prints/1/182276.html | publisher =[[इण्डिया टुडे]] | date = 18 दिसम्बर 2006| accessdate = 3 जुलाई 2013 |language= अंग्रेजी}}</ref>
26 अप्रैल 2001 को दिल्ली में एस्कॉर्ट्स अस्पताल में एक ऑपरेशन के दौरान, 74 वर्ष की आयु में उनका देहान्त हो गया। वो अपने परिवार में अपनी पत्नी सहित, दो बेटे और एक पुत्री को छोडकर चले गये।<ref name=lok>{{Cite web | title =
==सन्दर्भ==
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