"ईरान का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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[[ईरान]] का पुराना नाम [[फारस]] है और इसका इतिहास बहुत ही नाटकीय रहा है ।है। साम्राज्यों के बनने, बिगड़ने से लेकर पुनरोद्भव और प्रतशोध की कई कहानियाँ ईरानी इतिहास को जीवंत बनाती हैं ।हैं। ईसा के ६०० साल पहले के [[हखामनी]] शासकों द्वारा पश्चिम एशिया तथा मिस्र में विजय से लेकर अठारहवीं सदी में [[नादिरशाह]] के भारत पर आक्रमण करने के बीच में कई साम्राज्यों ने फ़ारस पर शासन किया ।किया। इनमें से कुछ फ़ारसी सांस्कृतिक क्षेत्र के थे तो कुछ बाहरी ।बाहरी। फारसी सास्कृतिक प्रभाव वाले क्षेत्रों में आधुनिक ईरान के अलावा [[इराक]] का दक्षिणी भाग, [[अज़रबैजान]], पश्चिमी [[अफगानिस्तान]], [[ताजिकिस्तान]] का दक्षिणी भाग और पूर्वी [[तुर्की]] भी शामिल हैं ।हैं। ये सब वो क्षेत्र हैं जहाँ कभी फारसी सासकों ने राज किया था और जिसके कारण उनपर फारसी संस्कृति का प्रभाव पड़ा था ।था।
 
सातवीं सदी में ईरान में [[इस्लाम]] आया ।आया। इससे पहले ईरान में [[जरदोश्त]] के धर्म के अनुयायी रहते थे ।थे। ईरान [[शिया इस्लाम]] का केन्द्र और जन्मदाता माना जाता है ।है। कुछ लोगों ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया तो उन्हें यातनाएं दी गई ।गई। इनमें से कुछ लोग भाग कर [[भारत]] के [[गुजरात]] तट पर आ गए ।गए। ये आज भी भारत में रहते हैं और इन्हें [[पारसी]] कहा जाता है ।है। [[सूफ़ीवाद]] का जन्म ईरान में ११वीं सदी के आसपास हुआ ।हुआ। १९७९ की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान की राजनैतिक स्थिति में बहुत उतार-चढ़ाव आता रहा है ।है। ईराक के साथ युद्ध ने भी देश को इस्लामिक जगत में एक अलग जगह पर ला खड़ा किया है ।है।
 
==आर्यों का आगमन और फारस ==
माना जाता है कि ईरान में पहले पुरापाषाणयुग कालीन लोग रहते थे ।थे। यहाँ पर मानव निवास एक लाख साल पुराना हो सकता है ।है। लगभग 5000५००० ईसापूर्व से खेती आरंभ हो गई थी ।थी। मेसोपोटामिया की सभ्यता के स्थल के पूर्व में मानव बस्तियों के होने के प्रमाण मिले हैं ।हैं।
 
ईरानी लोग ([[आर्य]]) लगभग 2000२००० ईसापूर्व के आसपास उत्तर तथा पूरब की दिशा से आए ।आए। इन्होंने यहाँ के लोगों के साथ एक मिश्रित संस्कृति की आधारशिला रखी जिससे ईरान को उसकी पहचान मिली ।मिली। आधिनुक ईरान इसी संस्कृति पर विकसित हुआ ।हुआ। ये यायावर लोग ईरानी भाषा बोलते थे और धीरे धीरे इन्होंने कृषि करना आरंभ किया ।किया।
 
आर्यों का कई शाखाए ईरान (तथा अन्य देशों तथा क्षेत्रों) में आई ।आई। इनमें से कुछ मिदि, कुछ पार्थियन, कुछ फारसी, कुछ सोगदी तो कुछ अन्य नामों से जाने गए ।गए। मिदि तथा फारसियों का ज़िक्र असीरियाई स्रोतों में 836८३६ ईसापूर्व के आसपास मिलता है ।है। लगभग इसी समय [[जरथुस्ट्र]] (ज़रदोश्त या ज़ोरोएस्टर के नाम से भी प्रसिद्ध) का काल माना जाता हैहै। । हँलांकिहालाँकि कई लोगों तथा ईरानी लोककथाओं के अनुसार ज़रदोश्त बस एक मिथक था कोई वास्तविक आदमी नहीं ।नहीं। पर चाहे जो हो उसी समय के आसपास उसके धर्म का प्रचार उस पूरे प्रदेश में हुआ ।हुआ।
 
असीरिया के शाह ने लगभग 720७२० ईसापूर्व के आसपास इसरायल पर अधिपत्य जमा लिया ।लिया। इसी समय कई यहूदियों को वहाँ से हटा कर मीदि प्रदेशों में लाकर बसाया गयागया। । 530५३० ईसापूर्व के आसपास बेबीलोन फ़ारसी नियंत्रण में आ गया ।गया। उसी समय कई यहूदी वापस इसरायल लौट गए ।गए। इस दोरान जो यहूदी मीदि में रहे उनपर जरदोश्तज़रदोश्त के धर्म का बहुत असर पड़ा और इसके बाद यहूदी धर्म में काफ़ी परिवर्तन आया ।आया।
===हखामनी===
[[Image:Map achaemenid empire en.png|thumb|left|540px|प्राचीन ईरान का [[हख़ामनी साम्राज्य]] 500 ईसापूर्व के आसपास]]