"दालाँवेयर": अवतरणों में अंतर

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'''दालाँवेयर''' (Jean-Baptiste le Rond d'Alembert ; फ्रांसीसी उच्चारण: [ʒɑ̃ batist lə ʁɔ̃ dalɑ̃bɛːʁ]; १७१७-१७८३ ई.) फ्रांसीसी गणितज्ञ थे।
 
इनका जन्म [[पेरिस]] में हुआ। २४ वर्षं की आयु में ही इनको पैरिस की विज्ञान अकादमी में प्रवेश मिला गया और १७५४ ई. में ये अकादमी के स्थायी मंत्री बना दिए गए। १७४३ ई. में [[दालाँबेयरदालाँवेयर का सिद्धान्त|दालाँबेयरदालाँवेयर के सिद्धांत]] ( अर्थात्, निहित और फलवत् बल तुल्य होते हैं) पर आधारित इनकी पुस्तक 'त्रेते द दिनामिक' (Traite' de dynamique) प्रकाशित हुई। इसमें 'गति के नियम' और उनपर आश्रित विचारों को अत्यधिक व्यापक रूप में वैश्लेषिक भाषा में प्रदर्शित किया गया है। दालाँबेयरदालाँवेयर ने इस सिद्धांत का प्रयोग १७४४ ई. में [[तरल|तरलों]] के [[साम्य]] और उनकी गति की दशाओं का तथा १७४६ ई. प्रकंपित रज्जु (vibrating string) एवं विषुवों की अग्रगति (precession of the equinoxes) के निर्मेयों को हल करने में किया। इन अन्वेषणों के मध्य इनके समक्ष अनेक [[आंशिक अवकल समीकरण]] आए, जिनको इन्हें हल करना पड़ा। इस कार्य से दालाँबेयरदालाँवेयर तत्कालीन आंशिक अवकल समीकरणवेत्ताओं में अग्रगण्य हो गए।
 
[[श्रेणी:गणितज्ञ]]