"कार्तिक कॉलिंग कार्तिक": अवतरणों में अंतर

फ़िल्म का शून्य से पुनःनिर्माण किया
→‎पटकथा: अनुभाग का विस्तार en:Karthik Calling Karthik पृष्ठ के अनुभाग "Plot" से अनुसार किया गया है।
पंक्ति 24:
'''''कार्तिक कॉलिंग कार्तिक''''' 2010 में प्रदर्शित मनोवैज्ञानिक थ्रिलर है, यह फ़िल्म विजय लालवानी द्वारा लिखित है और एक्सेल एंटरटेनमेंट और [[रिलायंस इंटरटेनमेंट]] के बैनर तले बनी फ़िल्म के निर्माता [[फरहान अख्तर]] एवं रितेश सिधवानी हैं। फ़िल्म में [[फरहान अख्तर]] और [[दीपिका पादुकोण]] मुख्य भूमिका में हैं। [[राम कपूर]] और [[शेफाली शाह]] ने फ़िल्म में सहायक की भूमिका निभाई है। फ़िल्म का संगीत त्रिक-जोड़ी [[शंकर-एहसान-लॉय]] द्वारा रचित है।
==पटकथा==
कार्तिक ([[फरहान अख्तर]]) बहुमुखी प्रतिभा का धनी है लेकिन आत्मविश्वास की कमी के कारण एक निर्माण कंपनी में सामान्य नौकरी के साथ अपने आप को फंसा हुआ महसूस करता है। वह अपने बचपन की एक घटना से परेशान रहता है: उसका बड़ा भाई कुमार उसे यातनाएँ देता था और वह जब भी अपने माता-पिता से इसकी शिकायत करता था तो वो उसकी नहीं सुनते थे। कुमार एक दिन उसे कुए के पास ले जाता है और कुए के अन्दर धकेलने का प्रयास भी करता है लेकिन कार्तिक वहाँ से भाग निकलता है और कुमार कुएँ में गिर जाता है। तब से कार्तिक अपने आप को अपने भाई की मौत का जिम्मेदार मानता है।
 
शोनाली मुखर्जी ([[दीपिका पादुकोण]]) उसी कंपनी में कार्तिक की सहकर्मी है, जिसे कार्तिक दिल ही दिल में बहुत चाहता है यद्दपि शोनाली के लिए कार्तिक की भावनाएँ तो दूर वह तो उसके सहकर्मी होने से भी अनभिज्ञ है। कार्तिक कई बार अपने बॉस से डांट खाने के बाद सोचता है कि उसे जीवन में कोई सफलता नहीं मिलेगी एवं अन्ततः वह आत्महत्या करने का निर्णय लेता है। जब वह आत्महत्या करने ही वाला था कि किसी अजनबी का फोन आता है जिसकी आवाज भी कार्तिक के समान ही है और वो कहता है कि उसका नाम भी कार्तिक है। वह यक़ीन दिलाते हुए कहता है कि वो उसके जीवन में खुशियाँ लाने में सक्षम है। इस तरह ये फोन कार्तिक के जीवन के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हैं। वो हमेशा सुबह 5:00 बजे ये फोन सुनता है एवं यह फोन उसे उसकी उलझनों का निदान बताती है, उसे सफल पुरुष बनने के लिए मार्ग सुझाती है, शोनाली का दिल जीत लेता है और विरान जिन्दगी को रंगीन बनाता है।
 
मगर, जब कार्तिक ये बातें शोनाली और अपनी मनोचिकित्सक को इन फोनों के बारे में मनाही के बावजूद बताता है तो रहस्यमय फ़ोन करने वाला क्रोधित हो जाता है और कार्तिक को बताता है कि यदि वह उसे उपर उठा सकता है तो नीचे भी गीरा सकता है। इन शब्दों के अनुसार ही कार्तिक का जीवन उतार पर आने लगता है। उसका बॉस उसे निकाल देता है, शोनाली भी उसे छोड़ देती है। कार्तिक निर्णय लेता है कि यदि वह कहीं दूर चला जायेगा तो फोन करने वाले को पता नहीं चलेगा कि वह कहाँ चला गया है एवं वह फोन करना बंद कर देगा। कार्तिक एक अज्ञात स्थान पर जाता है एवं एक छोटे होटल में पनाह लेता है तथा हॉटल के स्वागतकर्त्ता से उसके मकान की कमरा संख्या संबंधित प्लैट एवं फ़ोन को हटाने के लिए कहता है।
 
कुछ माह पश्चात कार्तिक एक शिष्ट नौकरी के साथ [[कोच्चि]] में कुशलता से रह रहा है। उसका जीवन पटरी पर आ जाता है केवल उसने अपने कार्यलय अथवा घर में फ़ोन रखना बंद कर दिया। अपने बॉस के अनुरोध पर, उसे मजबूरन एक लैंडलाइन फ़ोन क्रय करना पड़ता है। वह यह सुनिश्चित करने के लिए इस हद तक जाता है कि वह अपना नम्बर स्वयं नहीं जानता। यद्यपि एक दिन सुबह 05:00 बजे रहस्यमय फ़ोनकरने वाले का फ़ोन प्राप्त होता है जिसमें उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है। इसी बीच शोनाली, डॉ॰ कपाड़िया से सम्पर्क करती है जो पहेली का हल खोज चुकी है: कार्तिक मानसिक रोग सिज़ोफ्रेनिया जिसे [[मनोविदालिता]] भी कहते हैं, का शिकार है। उसके दो रूप हैं जिनमें से एक उन्हें कार्य के लिए मुखर करता है और सलाह देता है। इसे पुरे वृतांत में फ़ोन करने वाला स्वयं कार्तिक ही था। वह इस समस्या से अपनी युवा अवस्था से ही गुजर चुका है जब उसने कुमार नामक नकली भाई बनाया था। कार्तिक का फ़ोन यह क्षमता रखता है कि उसमें अपना संदेश अभिलिखित कर दो जो निश्चित समय के बाद आपको ही सुना देगा। कार्तिक रात के समय कभी जगता होगा और अपने द्वितीय रूप में फ़ोन में अपना संदेश अभिलिखित करके सो जाता होगा, जहाँ सुबह ०५:०० बजे वह फिर उठता था और अपना ही फ़ोन सुनता था।
 
फलतः कार्तिक विक्षुब्ध हो जाता है कि पुनः आत्महत्या का प्रयास करता है। शोनाली को सच्चाई का पता चल जाता है और उसे बचाने के लिए सही समय पर पहुंच जाती है। वो दोनों मिलते हैं और शोनाली इस स्थिति में उसकी मदद करती है। कुछ माह बाद कार्तिक मानसिक रोग से मुक्ति पाने की प्रक्रिया में होता है और शोनाली के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत करने लगता है।
 
==कलाकार==
* [[फरहान अख्तर]] - कार्तिक