"बाउल लोक गायन": अवतरणों में अंतर

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श्री अरुण पटुआ, जिला वीर भूम के अनुसार उनके गुरु श्री निमाई दास बाउल बताते है कि बाउल एक सादा एवं सच्चा जीवन व्यतीत करता है । वह अपने हाथ से बनाया साधा निरामीस खाना खाता है , साधा पीता है एवं अपने हाथ से साधा सीला कपडा पहनता है । श्री कृष्णा चरण बाउल, मनहोर पुर, जिला वीर भूम बताते है कि बाउल रोज मागॅता है और रोज खाता है आने वाले कल की उसे चिंता नहीं होती है ।
 
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