"मैसूर": अवतरणों में अंतर

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== पर्यटन ==
मैसूर न सिर्फ [[कर्नाटक]] में [[पर्यटन]] की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि आसपास के अन्य पर्यटक स्थलों के लिए एक कड़ी के रूप में भी काफी महत्वपूर्ण है। शहर में सबसे ज्यादा पर्यटक मैसूर के [[दशहरा|दशहरा उत्सव]] के दौरान आते हैं। जब [[मैसूर पैलेस|मैसूर महल]] एवं आसपास के स्थलों यथा [[जगनमोहन पैलेस]] [[जयलक्ष्मी विलास]] एवं [[ललिता महल]] पर काफी चहल पहल एवं त्यौहार सा माहौल होता है। [[मैसूर कर्ण झील|कर्ण झील]] [[मैसूर चिड़ियाघर|चिड़ियाखाना]] इत्यादि भी काफी आकर्षण का केन्द्र होते हैं। मैसूर के [[सग्रहालय]] भी काफी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मैसूर से थोड़ी दूर [[कृष्णराज सागर डैम]] एवं उससे लगा [[वृंदावन गार्डन]] अत्यंत मोहक स्थलों में से है। इस गार्डन की साज-सज्जा, इसके संगीतमय फव्वारे इत्यादि पर्यटकों के लिए काफी अच्छे स्थलों में से है। ऐतिहासिकता की दृष्टि से यहीं [[श्रीरंग पट्टनम]] का ऐतिहासिक स्थल है जो मध्य [[तमिल]] सभ्यताओं के केन्द्र बिन्दु के रुप में स्थापित था।
मैसूर में केन्द्रीय विद्यालय संगठन का शिक्षा एवं प्रशिक्षण आँचलिक संस्थान है|
 
नगर अति सुंदर एवं स्वच्छ है, जिसमें रंग बिरंगे पुष्पों से युक्त बाग बगीचों की भरमार है। चामुडी पहाड़ी पर स्थित होने के कारण प्राकृतिक छटा का आवास बना हुआ है। भूतपूर्व महाराजा का महल, विशाल चिड़ियाघर, नगर के समीप ही कृष्णाराजसागर बाँध, वृंदावन वाटिका, चामुंडी की पहाड़ी तथा सोमनाथपुर का मंदिर आदि दर्शनीय स्थान हैं। इन्हीं आकर्षणों के कारण इसे पर्यटकों का स्वर्ग कहते हैं। यहाँ पर सूती एवं रेशमी कपड़े, चंदन का साबुन, बटन, बेंत एवं अन्य कलात्मक वस्तुएँ भी तैयार की जाती हैं। यहाँ प्रसिद्ध [[मैसूर विश्वविद्यालय]] भी है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मैसूर" से प्राप्त