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[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के शहर]]
''''''शायर एवं कवि अमरेश बहादुर लाल श्रीवास्तव'''
शायर एवं कवि "big author Biography" -शायर अमरेश बहादुर लाल श्रीवास्तव का जन्म १९ जुलाई १९२५ को पचपेड़वा जिला बलरामपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनकी शिक्षा टॉमसन इंटर कॉलेज गोंडा में हुई। बचपन से ही इन्होने अपने जीवन में संघर्ष किया, इन्हें उर्दू, अरबी, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, भाषा का बहुत अच्छा ज्ञान था। इन्होने रेल में, सहकारी समिति फैजाबाद में नौकरी से मन न लगने के कारण त्याग पत्र दे दिया। बाद में पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण इन्होने फिर से तुलसीपुर शुगर फैक्ट्री में नौकरी की, लेकिन उस समय जनसंघ के प्रभाव में आकर इस नौकरी से भी त्याग पत्र दे दिया और पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेई, नागेन्द्र जी, के साथ विभिन्न आंदोलनों में जेल भी गए। इसके बाद जीवन तरह तरह के संघर्षो से बीता। फिर इन्होने ब्लाक में ग्राम पंचायत अधिकारी की नौकरी की बाद में अपर खंड विकास अधिकारी के पद से रिटाएर हो गए। लेकिन साहित्य से विशेष लगाव होने के कारण इन्होने कई गजले, शायरी, लिखी जो विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते थे। एवं स्थानीय कवी सम्मेलनों में अपनी प्रस्तुति देते रहते थे। अचानक तबियत ख़राब हो जाने के कारण इनको गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, कोमा में जाने के बाद हिंदी साहित्य का यह देदीप्यमान नक्षत्र सदा के लिए १ मार्च १९८९ को इस सांसारिक मोहमाया से विरत हो गया। जब लोगो ने सुबह समाचार पत्रों एवं रेडियो के माध्यम से इनके निधन की बात सुनी तो गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के बाहर भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा और शहर में यातायात ठप्प हो गया। इसके बाद इनके बड़े पुत्र गोरखपुर मंडल के टेम्पो यूनियन के अध्यक्ष देवेन्द्र चन्द्र रायजादा ने राजघाट पर अपने पिता और महान शायर अमरेश पचपेड़वी को लाखों लोगो के सामने मुखाग्नि दी।