"बंगाल की खाड़ी": अवतरणों में अंतर

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* [[१८७६ बेकरगंज चक्रवात]]: १० से ३०-४० फ़ीट तूफ़ान सर्ज, १ लाख मृत एवं अन्य १ लाख बाद की महामारियों से मृत<ref name=Tannehill />
* [[:w:Pre-1980 North Indian Ocean cyclone seasons|१८८५ का फ़ॉल्स प्वाइंट चक्रवात]]: २२ फ़ीट तूफ़ान सर्ज; दबाव बैरोमीटर पर 27.135 इंच पारा।<ref name=Tannehill />
 
== ऐतिहासिक स्थल ==
* प्राचीन बौद्ध धरोहर स्थल [[पावुरल्लाकोंडा]], [[थोटलाकोंडा]] एवं [[बाविकोंडा]] भारत के [[ओडिशा]] राज्य के [[विशाखापट्टनम]] नगर में खाड़ी तट पर स्थित हैं।
* श्री वैशाखेश्वर मन्दिर के अवशेष बंगाल की खाड़ी के नीचे हैं। आंध्र विश्वविद्यालय के सागरीय पुरातत्त्व केन्द्र के प्रवक्ता के अनुसार ये मन्दिर अवशेष तटीय बैटरी के सामने ही कहीं स्थित होंगे।<ref>[http://www.morien-institute.org/uwnews2006a.html Morien Institute - underwater discoveries news archive - January - June, 2006 श्री वेंकटेश्वर स्टिल लाइज़ अण्डर वॉटर ("Sri Vaisakheswara still lies underwater")]।अभिगमन तिथि: २२ जनवरी, २००७</ref>
* [[महाबलिपुरम के तट मन्दिर]] परिसर का निर्माण ८वीं शताब्दी में हुआ था। मिथकों के अनुसार यहां छः और ऐसे ही मन्दिर हुआ करते थे।
* इनके अलावा एक अन्य संरक्षित ऐतिहासिक स्थल है [[विवेकानंद इलम]]। इसका निर्माण १८४२ में आइस किंग [[:w:Frederic Tudor|फ़्रेडरिक ट्यूडर]] ने बर्फ़ को भंडार करने एवं वर्ष भर बेचने के लिये किया था। यहां [[स्वामी विवेकानंद]] के कई प्रसिद्ध व्याख्यान कैसल कर्नेन में हुए थे। इस स्थल पर एक प्रदर्शनी स्वामी जी एवं उनकी धरोहरों को समर्पित है।
* ओडीशा के प्रसिद्ध [[कोणार्क सूर्य मंदिर]] का भी निर्माण इसी खाड़ी के तट के निकट हुआ है। यह मंदिर हिन्दू भगवान [[सूर्य नारायण]] को समर्पित है और इसक निर्माण १२०० ई. के मध्य में हुआ था। यह काले [[ग्रेनाइट]] पत्थर से बना हुआ है।
* धनुषकोडि में पम्बन द्वीप पर स्थित हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक महातीर्थ [[रामेश्वरम]] रामनाथस्व्मी मन्दिर भी इसी खाड़ी के [[हिन्द महासागर]] से संगम के निकटस्थ स्थित है।<ref>[http://www.ramayana.com/holy_places.htm रामायण]। अभिगमन थ्थि: २१ जनवरी, २००७।{{अंग्रेज़ी}}</ref>
* बंगाल की खाड़ी के हिन्द महासागर एवं अरब सागर संगम (त्रिवेणी संगम) पर ही हिन्दू तीर्थ [[कन्याकुमारी]] स्थित है। यह स्थान [[तमिल नाडु]] में आता है।
* जर्मन [[ROSAT|रोसैट अंतरिक्षयान]] ने बंगाल की खाड़ी के ठीक ऊपर ही पृथ्वी के वातावरण में वापस प्रवेश किया था। जर्मन अंतरिक्ष एजेंसी ([[::German Aerospace Center|DLR]]) ने इसकी पुष्टि की थी। <ref>[http://www.bbc.co.uk/news/science-environment-15466361 - Officials said Rosat re-entered the atmosphere at 0150 GMT on Sunday 23/10/2011.]</ref>
 
 
==सन्दर्भ==