"समुच्चय सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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=== उपसमुच्चय ===
[[चित्र:Venn A subset B.svg|thumb|<math>A \subseteq B</math>]]
यदि किसी समुच्चय A के सभी सदस्य किसी अन्य समुच्चय B के भी सदस्य हैं तो यह कहा जाता है कि A, B का उपसमुच्चय (subset) है। जैसे, A={p,q,r}
एवं B={p,q,r,s} हो तो हम लिखते हैं कि <math> A \subset B </math> प्रत्येक समुच्चय के दो उपसमुच्चय अवश्य होते हैं; एक तो स्वयं वही समुच्चय अपने आप का उपसमुच्चय होता है, दूसरा शून्य समुच्चय सभी समुच्चयों का उपसमुच्चय है।
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जिस उपसमुच्चय में सदस्यों की संख्या मूल समुच्चय के सदस्यों की संख्या से कम हो उसे 'उचित उपसमुच्चय' (proper subset) कहते हैं।
 
=== सर्वसमावेशी समुच्चय (universal set)===
किसी समस्या में विद्यमान सभी उपादानों को लेने पर जो समुच्चय बनता है उसे उस समस्या के सापेक्ष सर्वसमावेशी समुच्चय कहते हैं। उदाहरण के लिए, ११ संख्या तक सभी विषम संख्याओं का सर्वसमावेशी समुच्चय होगा (११ संख्या सहित) - <math> \xi\ </math>={1,3,5,7,9,11}
 
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वेन आरेख का उपयोग करके समुच्चय सिद्धान्त के बहुत सी समस्याओं का आसानी से समाधान किया जाता है। सर्वसमावेशी समुच्चय को एक आयत द्वारा निरूपित किया जाता है तथा इसके सभी उपसमुच्चयों को वृत्त द्वारा दर्शाया जाता है। इस चित्र में A के पूरक समुच्चय को छायांकित करके दिखाया जाता है, अर्थात् <math> A^c </math>। इसके अलावा वृत्त के भीतर वृत्त बनाकर उपसमुच्चयों को दर्शाते हैं। जैसे <math>B \subseteq A </math>
 
=== समुच्चय संघ एवं समुच्चय सर्वनिष्ठ ===
[[चित्र:Venn0001.svg|thumb|<math>A \cap B</math><br />]]
दो समुच्चय A और B हों तो इनका सर्वनिष्ठ समुच्चय वह समुच्चय होगा जिसमें वे सदस्य होंगे जो A और B दोनों में हों। जैसे यदि A={2,4,7} एवं B={2,3,7,8} हो तो A और B का सर्वनिष्ठ समुच्चय {2,7} होगा जिसको हम इस तरह लिखते हैं: <math>A \cap B</math>={2,7}
[[चित्र:Venn0111.svg|thumb|<math>A \cup B</math>]]
[[चित्र:Venn0100.svg|thumb|<math>A \setminus B</math>]]
दो समुच्चय A और B हों तो इनका '''सर्वनिष्ठ समुच्चय''' वह समुच्चय होगा जिसमें वे सदस्य होंगे जो A और B दोनों में हों। जैसे यदि A={2,4,7} एवं B={2,3,7,8} हो तो A और B का सर्वनिष्ठ समुच्चय {2,7} होगा जिसको हम इस तरह लिखते हैं: <math>A \cap B</math>={2,7}
चित्र में वेन आरेख में छाया द्वारा जो दिखाया गया है वह <math>A \cap B</math> है।
 
दो समुच्चय A और B का '''संघ''' (यूनिअन) वह समुच्चय है जिसके सदस्य वे हैं जो A में हैं, या B में हैं या दोनों में हैं। उदाहरणार्थ यदि A={3,4,6} एवं B={2,3,4,5,6,7,8} हो तो इन दोनों समुच्चयों का संघ समुच्चय को हम यों लिखेंगे: <math>A \cup B</math>={2,3,4,5,6,7,8}.
यदि दो समुच्चयों A और B में कोई भी सदस्य उभयनिष्ठ (कॉमन) नहीं है तो इन दोनों समुच्चयों को असंयुक्‍त समुच्चय (disjoint set) कहा जाता है।
इसे हम ऐसे लिखते हैं: <math>A \cap B</math>=<math> \empty </math>
 
===विविध===
समुच्चय में अवयवों का विभिन्न होना आवश्यक है। यदि '''x''' समुच्चय '''A''' का कोई अवयव है, तो हम लिखते है : '''x ∈ A''' । सभी अवयवों का ब्यौरा न देकर, उन्हें नियम द्वारा भी बताया जा सकता है, जैसे विषम संख्याओं का समुच्चय। '''B''' को '''A''' का '''उपसमुच्चय''' (Subset) तब कहते हैं, जब B का प्रत्येक अवयव A का सदस्य हो और इसे इस प्रकार लिखते हैं : '''B ⊂ A''' . इसे यों भी पढ़ते हैं : B, A में समाविष्ट है। यदि A में कम से कम एक ऐसा अवयव हो जो B का सदस्य नहीं है और B, A का उपसमुच्चय है, तो B को A का '''वास्तविक (proper) उपसमुच्चय''' कहते हैं। ऐसे समुच्चय को, जिसका एक भी अवयव न हो, '''शून्य (null) समुच्चय''' कहते हैं और इसे '''φ''' से प्रकट करते हैं। शून्य समुच्चय सैद्धांतिक विवेचन में उपयोगी होते हैं।