"जम्मू (विभाग)": अवतरणों में अंतर

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==राजनीति==
क्षेत्रकी महत्त्वपूर्ण राजनैतिक पार्टियों में [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]], [[भारतीय जनता पार्टी]], [[जम्मू कश्मीर नेशनल कानफ्रेंस|जम्मू कश्मीर नेशनल कान्फ़्रेंस]], [[:w:Jammu and Kashmir People's Democratic Party|जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी]] और [[:w:Jammu and Kashmir National Panthers Party|जम्मू एंड कश्मीर नेशनल पैन्थर्स पार्टी]] हैं। जम्मू के कुछ हिन्दू और स्थानीय भाजपा शाखा जम्मू को वर्तमान कश्मीर राज्य से विलग कर एक अलग राज्य बनाकर भारतीय संघ में विलय कर देने की मांग करते रहे हैं। इसका कारण है कि सभी नीतियां कश्मीर-केन्द्रित होने के कारण जम्मू क्षेत्र की अनदेखी होती जा रही है।
==दर्शनीय स्थल ==
 
जम्मू अपनी प्राकृतिक सुंदरता वाले स्थानों सहित प्राचीन मन्दिरों, हिन्दू तीर्थों, मुबारक मंडी महल, अमर महल जो अब संग्रहालय बन गया है, बाग-बगीचों और किलों के लिये प्रसिद्ध है। यहां दो बड़े एवं प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ हैं: अमरनाथ गुफा (ये असल में कश्मीर घाटी में स्थित है) और वैष्णो देवी गुफा, जहां प्रतिवर्ष लाखों यात्री आते हैं। दोनों के लिये ही मुख्य पड़ाव जम्मू बन जाता है। वैष्णो देवी के बहुत से याट्री साथ में जम्मू घूमने की योजना बना कर आते हैं। इनके अलावा जम्मू की नैसर्गिक सुंदरता ने इसे दक्षिण भारत में एड्वेन्चर टूरिज़्म के लिये भी चहेता स्थान रहा है। <ref name="bhaderwah.com">[http://www.bhaderwah.com Bhaderwah: Welcome to the Heaven of Earth!!!]</ref><ref name="bhaderwah.com"/> जम्मू के ऐतिहासिक स्मारकों में प्राचीन हिन्दू वास्तुकला दिखती है।
 
===पुरमंडल===
पुरमंडल, जिसे ''छोटा काशी'' भी कह दिया जाता है, जम्मू शहर से लगभग 35&nbsp;कि.मी दूर स्थित है। यह एक प्राचीन तीर्थ स्थान है जहां शिव और अन्य देवी देवताओं के ढेरों मन्दिर हैं। शिवरात्रि के अवसर पर यहां तीन दिनों का मेला लगता है और शहर की रौनक एवं भीड़ देखते ही बनती है।
 
===वैष्णो देवी गुफा ===
''मुख्य लेख : [[वैष्णो देवी]]''
[[File:Vaishno.jpg|right|thumb|250px|प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ [[वैष्णो देवी]] प्रतिवर्ष दसियों लाख यात्रियों को आकर्षित करता है।]]
 
जम्मू के निकट ही कटरा है, जहां से वैष्णो देवी की पैदल चढ़ाई आरंभ होती है। यह गुफा त्रिकुटा पर्वत पर १७०० मी. की ऊंचाई पर स्थित है, जहां मां वैष्णो देवी की पवित्र गुफा स्थित है। जम्मू शहर से कटरा की दूरी मात्र ३० कि.मी है और वहां से दुफा की चढ़ाइ दूरी १३ कि.मी है। ये गुफा 30&nbsp;मी. लम्बी और मात्र 1.5&nbsp;मीटर ऊंची है। बंद गुफा के अंत में माता के स्वरूप की प्रतीक तीन पिण्डियाँ रखी हैं जो क्रमशः [[महाकाली]], [[महालक्ष्मी]] और [[महासरस्वती]] देवी की प्रतीक हैं। ये तीनों देवियाम ही मिल कर वैष्णो देवी के रूप में भैरों नामक पापी के दमन हेतु अवतरित हुई थीं। तीर्थ यात्री नीचे कटरा से ही पैदल ही टोलियों में १३ कि.मी लम्बी यात्रा करते हैं और साथ साथ माता के जयकारे घोष लगाते हैं। बीच रास्ते में अर्धकुवांरी (गुफा), हाथी मत्था और सांझी छत मध्यांतर पड़ते हैं और अंत में जाकर मुख्य गुफा आती है जहां प्रवेश से पूर्व यात्री शीतल जल में स्नान करते हैं और संकरे मुंह वाली गुफा में प्रवेश करते हैं। गुफा में नीचे शीतल जल धारा बहती है जिसे चरणगंगा कहा जाता है। कहते हैं कि माता भैरों से छिपने हेतु इस गुफा में आयीं थीं और भैरों के आने पर उसका संहार कर दिया था। भैरों ने मरते हुए मांता से क्षमा मांगी और उनकी शरण में आ गया, तो मां ने उसे क्षमा कर दिया किंतु त्रिशूल से कटा उसका सिर एक अन्य ऊंची पहाड़ी के ऊपर जा गिरा और धड़ यहीं गुफा के मुख पर गिर गया जो अब पत्थर बन गया है। उसी पर चढ़ कर गुफा में प्रवेश करते हैं।
 
===भैरों मंदिर===
वैष्णों देवी गुफा से कुछ और ऊपर एक अन्य पहाड़ी के ऊपर भैरों का सिर जाकर गिरा था। माता की शरण में आ जाने से सरल-हृदया माता ने उसे क्षमा कर दिया और कहा कि मेरी गुफा की यात्रा तभी पूरी होगी जब यात्री उसके बाद भैरों मंदिर भी जायेंगे। अधिकांश यात्री माता की गुफा के दर्शन के बाद ही वहीम से सीधे ऊपर भैरों मंदिर में दर्शन कर सीधे नीचे उतरते हैं और यात्रा पूर्ण करते हैं।
 
===नंदिनी वन्य जीवन अभयारण्य ===
 
== जम्मू के त्योहार ==