"भूविज्ञान": अवतरणों में अंतर

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इस विज्ञान के अनेक उपविभाग हैं जिसमें से निम्नलिखित अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं- ऐतिहासिक भूविज्ञान, भौतिक भूविज्ञान, आर्थिक भूविज्ञान, संरचनात्मक भूविज्ञान, खनिज विज्ञान, खनन भूविज्ञान, भूआकृति विज्ञान, शैल वर्णना, शैल विज्ञान, ज्वालामुखी विज्ञान, स्तरिक भूविज्ञान एवं जीवाश्म विज्ञान।
 
भूविज्ञान को दो प्रमुख वर्गों में विभक्त किया जाता है:
 
* 1. [[भौतिक भूविज्ञान]] या गत्यात्मक भूविज्ञान (Physical geology or dynamical geology), और
 
* 2. [[ऐतिहासिक भूविज्ञान]] (historical geology)।
 
'''भौतिक भूविज्ञान''' के अंतर्गत [[खनिज विज्ञान]] (mineralogy), [[मृदा विज्ञान]] (pedology), [[संरचनात्मक भूविज्ञान]] (structural geology) और [[भूआकृतिक विज्ञान]] (physiography) सम्मिलित हैं। '''ऐतिहासिक भूविज्ञान''' में [[स्तरित शैल विज्ञानशैलविज्ञान]] (stratigraphy), [[जीवाश्म विज्ञान]] (palaeontology) तथा [[पुराभूगोल]] (palaeogeography) को सम्मिलित किया जाता है।
 
आजकल भूविज्ञान को निम्नलिखित दो शाखाओं में विभक्त करते हैं-
 
* 'मूलभूत भौमिकी' (fundamental geology), तथा
* 'अनुप्रयुक्त[[मूलभूत भौमिकी']] (appliedfundamental geology), तथा
 
* [[अनुप्रयुक्त भौमिकी]] (applied geology)
 
=== भौतिक भूविज्ञान ===
भूपृष्ठीय परिवर्तनों के अध्ययन को बहुधा '''गतिकीय भूविज्ञान''' भी कहते हैं । स्पष्ट है कि यह नाम पृष्ठीय वातावरण की गतिशील स्थिति की ओर संकेत करता हैं, किन्तु आजकल यह नाम कुछ विशेष प्रचलित नहीं हेंहै और इसके स्थान पर '''भौतिक भूविज्ञान''' (Physical geology) अधिक प्रचलित है। इस विज्ञान के तीन मुख्य अंग होते हैं, जो इस प्रकार हैं :
 
:* (1) प्राकृतिक कारकों द्वारा पृष्ठीय शैलों का क्षय (decay), [[अपरदन]] (erosion) एवं [[अनाच्छादन]] (denudation) तथा उससे उत्पन्न [[अवसाद]] इत्यादि का परिवहन (transport),
 
:* (2) अवसाद का संचयन (accumulation) तथा
 
:* (3) संचित अवसाद का संयोजन (cementation) और दृढ़ीभवन
 
== इन्हें भी देखें ==