"नागरीप्रचारिणी सभा": अवतरणों में अंतर

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=== हिन्दी विश्वकोश तथा हिन्दी शब्दसागर ===
उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त '''[[हिन्दी विश्वकोश]]''' का प्रणयन सभा ने केंद्रीय सरकार की वित्तीय सहायता से किया है। इसके बारह भाग प्रकाशित हुए हैं। [[हिंदी शब्दसागर]] का संशोधन-परिवर्धन केंद्रीय सरकार की सहायता से सभा ने किया है जो दस खंडों में प्रकाशित हुआ है। यह हिंदी का सर्वाधिक प्रामाणिक तथा विस्तृत कोश है। दो अन्य छोटे कोशों 'लघु शब्दसागर' तथा 'लघुतर शब्दसागर' का प्रणयन भी छात्रों की आवश्यकतापूर्ति के लिए सभा ने किया है। सभा देवनागरी लिपि में भारतीय भाषाओं के साहित्य का प्रकाशन और हिंदी का अन्य भारतीय भाषाओं की लिपियों में प्रकाशित करने के लिए योजनाबद्ध रूप से सक्रिय हैं। [[प्रेमचंद]] जी के जन्मस्थान [[लमही]] (वाराणसी) में उनका एक स्मारक भी बनवाया है।
 
===पारिभाषिक शब्दावली===
८ वर्ष के परिश्रम से काशी नागरी प्रचारणी सभा ने १८९८ में पारिभाषिक शब्दावली प्रस्तुत की। हिंदी में पारिभाषिक शब्द निर्माण के इस सर्वप्रथम सर्वाधिक सुनियोजित, संस्थागत प्रयास में [[गुजराती]], [[मराठी]] और [[बंगला]] में हुए इसी प्रकार के कार्यों का समुचित उपयोग किया गया। सभा का यह कार्य देश में सभी प्रचलित भाषाओं में वैज्ञानिक शब्दावली और साहित्य के निर्माण की शृंखलाबद्ध प्रक्रिया का सूत्रपात करनेवाला सिद्ध हुआ।
 
== सदर्भ ग्रन्थ ==