"पाण्ड्य राजवंश": अवतरणों में अंतर

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=== आरम्भिक इतिहास (ईसापूर्व ३री शताब्दी - ३री शताब्दी ई. ) ===
तमिल भाषा के शंगम साहित्य से सर्वप्रथम कुछ प्राचीन पांड्य राजाओं के नाम उनके उल्लेखनीय कृत्यों के सहित ज्ञात होते हैं। इनमें पहला नाम नेडियोन का है किंतु उसका व्यक्तित्व काल्पनिक मालूम होता है। दूसरा शासक पल्शालै मुदुकुडुभि अधिक सजीव है। कहा जाता है, उसने अनेक यज्ञ किए थे और विजित प्रदेशो के साथ निर्दयता का व्यवहार किया था। तीसरा शासक नेड्ड जेलियन् था जिसका विरुद (प्रशस्ति) था 'एक आर्य' (उत्तर भारत का) सेना पर विजय प्राप्त करनेवाला (आरियप्पडैक दंड)। एक छोटी सी कविता उसकी रचना बतलाई जाती है। प्राचीन पांड्य नरेशें में सबसे अधिक प्रसिद्ध शासक एक दूसरा नेड्डंजेलियन् था जिसका राज्यकाल २१० ई. के लगभग था। अल्प आयु में ही सिंहासन पर बैठते ही उसने अपने समकालीन शासकों के सम्मिलित आक्रमण को विफल किया, उनका चोल देश में खदेड़कर तलैयालंगानम् के युद्ध में पराजित किया और चेर नरेश को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया।
इस राज्य का प्रतीक चिन्ह मछली था l
 
=== प्रथम पाण्ड्य साम्राज्य (छठी शताब्दी - दसवीं शतब्दी) ===