"हिंदी साहित्य": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
दीपिका जोशी (वार्ता | योगदान) |
दीपिका जोशी (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 14:
[[हिन्दी साहित्य]] का [[भक्ति काल]] [[१३७५]] वि0 से [[१७००]] वि0 तक माना जाता है। यह काल समग्रतः भक्ति भावना से ओतप्रोत काल है। इस काल को समृद्ध बनाने वाली चारा प्रमुख काव्य-धाराएं हैं ज्ञानाश्रयी, प्रेमाश्रयी, कृष्णाश्रयी ओर रामाश्रयी। इन चार भक्ति शाखाओ के चार प्रमुख कवि हुए जो अपनी-अपनी धारा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये कवि हैं क्रमश:
[[कबीर]]दास
[[मलिक मोहम्मद जायसी]]
[[सूरदास]]
[[तुलसीदास]]
===रीति काल (1600-1900)===
|