"ब्रजबुलि": अवतरणों में अंतर
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== व्युत्पत्ति ==
"ब्रजबुलि" शब्द की व्युत्पत्ति तथा ब्रजबुलि भाषा की उत्पत्ति को लेकर विद्वानों में बहुत मतभेद है। यहाँ एक बात को स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि ब्रजबुलि, [[ब्रजभाषा]] नहीं है। [[व्याकरण]] संबंधी दोनों की अपनी-अपनी अलग-अलग विशेषताएँ हैं, वैसे भाषातत्तव की दृष्टि से यह स्वीकार किया जाता है कि ब्रजबुलि का संबंध ब्रजभाषा से है। ब्रजबुलि के पदों में ब्रजभाषा के शब्दों का प्रयोग अधिक देखने को मिलता है।
ब्रजबुलि की उत्पत्ति '''[[अवहट्ठ]]''' से हुई। अवहट्ठ संबंधी थोड़ी सी जानकारी प्राप्त कर लेना आवश्यक है। कालक्रम से [[अपभ्रंश
"ब्रजबुलि" शब्द की व्युत्पत्ति के संबंध में कुछ लोगों ने अनुमान लगाया है कि "ब्रजावली बोलि" का रूपांतर "ब्रजाली बुलि" में हुआ और "ब्रजाली बुलि" "ब्रजबुलि" बना। यह क्लिष्ट कल्पना है। वास्तव में अधिक तर्कसंगत यह लगता है कि इस भाषा में कृष्ण की लीलाओं का वर्णन है अतएव कृष्ण की लीलाभूमि "ब्रज" के साथ इसका संबंध जोड़ इस भाष को "ब्रजबोली" समझा गया होगा जो बँगला के उच्चारण की विशिष्टता के कारण "ब्रजबुलि" बन गया होगा।
== साहित्य ==
ब्रजबुलि में लिखे पद [[मिथिला]], [[बंगाल]], [[असम]] और
असम के भक्त कवियों में [[शंकरदेव]] (1449 ई.-1568 ई.) तथा उनके शिष्य [[माधवदेव]] (1498 ई.-1596 ई.) का मुख्य स्थान है। असम के जनजीवन तथा साहित्य पर शंकरदेव तथा उनके अनुयायियों का गहरा प्रभाव पड़ा। ब्रजबुलि को इन लोगों ने अपने प्रचार का साधन बनाया। उड़ीसा के भक्त कवियों में राय [[रामानंद]] का प्रमुख स्थान था। ये उड़ीसा के [[गजपति राजा प्रताप रुद्र]] (राजत्वकाल 1504 ई.-1532 ई.) के एक उच्च अधिकारी थे। [[चैतन्य महाप्रभु]] और [[राय रामानंद]] के मिलन का जो वर्णन चैतन्य संप्रदाय के [[कृष्णदास कविराज]] ने "[[चैतन्य चरितामृत]]" में किया है उससे पता चलता है कि मधुर भक्ति के रहस्यों से दोनों पूर्ण परिचित थे। उड़ीसा के अन्य कवियों में [[प्रतापरुद्र]], [[माधवीदासी]], [[राय चंपति]] के नाम आते हैं।
बंगाल में [[गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय]] के भक्त कवियों की संख्या बहुत अधिक है। उनमें कुछ के नाम यों हैं : [[यशोराज खान]] (16वीं शताब्दी का प्रारंभ), [[मुरारि गुप्त]] (16वीं शती का प्रारंभ), [[वासुदेव घोष]], [[रामानंद बसु]], [[द्विज हरिदास]], [[परमानंददास]], [[ज्ञानदास]] (1530 ई. के लगभग इनका जन्म हुआ), [[नरोत्तमदास]], [[कृष्णदास कविराज]], [[गोविंदराज
== बाहरी कड़ियाँ ==
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