"संख्या पद्धतियाँ": अवतरणों में अंतर

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'''शुद्ध दशमक पद्धति''' में पंचक का प्रयोग नहीं होता। इसकी उत्पत्ति यायावर (खानाबदोश) वर्गों में हुई, जिन्हें गाय, घोड़े, ऊँट, भेड़ के झुंडों को गिनने होते थे। तब से फैलते फैलते अब यह पद्धति विश्वव्यापी हो गई हैं। केवल मेक्सिकी और मध्य अमरीका में, अब भी ज्योतिष में प्रयुक्त होने के कारण, विंशति पद्धति सुरक्षित है।
संख्‍याएं कई प्रकार की होती हैं
1 प्राक्ऋत संख्‍याएं- वे संख्‍याऐं जो 1 से आरम्‍भ होती हैं एवं जिसमें सबसे छोटी संख्‍या 1 होती है ा
2 पूर्ण संख्‍याऐं- वे संख्‍याऐं जो 0 से आरम्‍भ होती हैं एवं जिसमें सबसे छोटी संख्‍या 0 होती है ा
3 पूर्णंक संख्‍याऐं- वे संख्‍याऐं जिसमें 0 से भी छोटी संख्‍याऐं उपलब्‍ध होती हैं ा
 
== संख्या पद्धति का क्रमिक विकास (evolution) ==