"प्रमात्रा क्षेत्र सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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{{प्रमात्रा क्षेत्र सिद्धान्त}}
 
'''प्रमात्राक्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त''' ('''QFT''') या '''प्रमात्रा क्षेत्र सिद्धांत''', [[प्रमात्राक्वांटम यान्त्रिकीयांत्रिकी]] के निर्माण के लिए एक सैद्धांतिक ढांचा प्रदान करता है जिसमें क्वांटम यांत्रिक प्रणालियों को अनंत स्वतंत्रता की डिग्री प्रदर्शित किया जाता है।
 
== इतिहास ==
{{Main|प्रमात्राक्वांटम यान्त्रिकी का इतिहास}}
 
=== मूल सिद्धांत ===
क्षेत्र का प्रारम्भिक विकास [[:en:Paul Dirac|डिराक]], [[:en:Vladimir Aleksandrovich Fock|फाॅक्क]], [[वुल्फगांग पौली|पाउली]], [[वर्नर हाइजनबर्ग|हाइजनबर्ग]], [[:en:Nikolay Bogolyubov|बोगोल्युबोव]] द्वारा किया गया। इसका १९५० में के दशक में प्रमात्राक्वांटम विद्युत चुम्बकीकी के विकास के साथ सम्पन्न हुआ।
 
=== आमान सिद्धांत ===
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== सिद्धांत ==
 
=== चिरसम्मत और प्रमात्राक्वांटम क्षेत्र ===
 
{{main|चिरसम्मत क्षेत्र सिद्धांत}}
चिरसम्मत क्षेत्र सिध्दांत दिक्-काल के अध्ययन क्षेत्र में परिभाषित फलन है <ref name="tong1">डेविड टोंग, ''[http://www.damtp.cam.ac.uk/user/tong/qft.html प्रमात्राक्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त पर व्याख्यान]'', पाठ 1.</ref> दो परिघटनाएं जो जो कि चिरसम्मत सिद्धान्त द्वारा वर्णित की जा सकती हैं वो हैं [[न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त]] '''g'''('''x''', ''t'') (यहाँ g, x और t का सतत् फलन है) और चिरसम्मत विद्युत-चुम्बकत्व जिसे विद्युत क्षेत्र '''E'''('''x''', ''t'') और चुम्बकीय क्षेत्र '''B'''('''x''', ''t'') से वर्णित किया जा सकता है। क्योंकि ये क्षेत्र समष्टि के प्रत्येक बिन्दु पर सिद्धान्तन विशिष्ट मान रख सकते हैं, इनकी स्वतंत्रता की विमा अनन्त होती है।<ref name="tong1" />
 
==== लाग्रांजियन सूत्र ====
प्रमात्राक्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त में अक्सर चिरसम्मत सिद्धान्त के लाग्रांजियन सूत्रों का उपयोग होता है। ये सूत्र किसी क्षेत्र के प्रभाव में कण की गति का अध्ययन करने के लिए चिरसम्मत यांत्रिकी में उपयोग होने वाले लाग्रांजियन सूत्रों के अनुरूप हैं। चिरसम्मत क्षत्र सिद्धान्त में इन्हें लाग्रांजियन घनत्व, <math>\mathcal{L}</math>, जो कि क्षेत्र φ('''x''',''t''), और इसके प्रथम अवकलज (∂φ/∂''t'' and ∇φ) का फलन है पर आयलर-लाग्रांजियन क्षेत्र सिद्धान्त समीकरण लागू की जाती है। निर्देशांक बिन्दुओं को (''t'', '''x''')&nbsp;= (''x''<sup>0</sup>, ''x''<sup>1</sup>, ''x''<sup>2</sup>, ''x''<sup>3</sup>) = ''x''<sup>μ</sup> लिखने पर, आयलर-लाग्रांजियन गति की समीकरण <ref name="tong1" />
:<math>\frac{\partial}{\partial x^\mu} \left[\frac{\partial\mathcal{L}}{\partial(\partial\phi/\partial x^\mu)}\right] - \frac{\partial\mathcal{L}}{\partial\phi} = 0,</math>
जहाँ आइनस्टाइन पद्धति के अनुसार μ चर के सापेक्ष इन्हे जोड़ा जाता है।
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:<math> 4\pi G \rho(t,\mathbf{x}) = \nabla^2 \phi.</math>
 
=== इकाई- और बहु-कण प्रमात्राक्वांटम यांत्रिकी ===
{{main|प्रमात्राक्वांटम यान्त्रिकीयांत्रिकी|प्रथम क्वांटीकरण}}
प्रमात्राक्वांटम यांत्रिकी में कण (इलेक्ट्रोन या प्रोटोन) को एक [[समिश्र संख्या|समिश्र]] [[तरंग फलन]], ψ(''x'', ''t'') द्वारा निरुपित किया जाता है जिसका समय के साथ परिवर्तन का अध्ययन [[श्रोडिंगर समीकरण]] द्वारा दिया जाता है
 
:<math>-\frac{{\hbar}^2}{2m}\frac{{\partial}^2}{\partial x^2}\psi(x,t) + V(x)\psi(x,t) = i \hbar \frac{\partial}{\partial t} \psi(x,t).</math>
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* Hazewinkel, Michiel, ed. (2001), "प्रमात्राक्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त", गणित का विश्वज्ञानकोष, Springer, [[आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰]] [[:en:Special:BookSources/978-1-55608-010-4|९७८-१-५५६०८-०१०-४]]
* [[:en:Stanford Encyclopedia of Philosophy|दर्शनशास्त्र का स्टैनफोर्ड विश्वज्ञानकोष]]: मेंआर्ड कुह्ल्मान्न द्वारा रचित "[http://plato.stanford.edu/entries/quantum-field-theory/ प्रमात्राक्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त]"।
* सिएगेल, वारेन, २००५ ''[http://insti.physics.sunysb.edu/%7Esiegel/errata.html क्षेत्र।]'' मुक्त पाठ, [[arXiv:hep-th/9912205]] पर भी उपलब्ध्द।
* पी.जे मल्डर्स द्वारा रचित [http://www.nat.vu.nl/~mulders/QFT-0.pdf प्रमात्राक्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त]।
 
{{Physics-footer}}
 
{{DEFAULTSORT:Quantum Field Theory}}
[[श्रेणी:प्रमात्राक्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त]]
[[श्रेणी:भौतिकी की अवधारणाएँ]]
[[श्रेणी:प्रमात्रा यान्त्रिकी]]