"सांसारिक प्रेम और देश-प्रेम": अवतरणों में अंतर

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२ क्रिसमस के दिन सारा लंदन खुश है मगर मैजिनी और रफेती अंधेरे कमरे में मायूस बैठे हैं। मैजिनी ने खाना नहीं खाया है और सुबह से सिगरेट भी नहीं मिली है। तभी मैग्डलीन के खत में क्रिसमस का उपहार बालों का एक गुच्छा आया। स्विटजरलैंड एक एक रईस की अनिन्द्य सुंदरी बेटी वहाँ मैजिनी के बिताए कुछ दिनों में उससे परिचित हुई और फिर प्रेम करने लगी थी। किंतु मैजिनी ने स्वयं को देश पर न्योछावर कर दिया था। इसलिए उसने मैग्डलीन की खुद को स्वीकारने की प्रार्थना अस्वीकार कर दी थी और देशहित की चिंता करते हुए मारा-मारा फिरने लगा था। मैजिनी ने जबाबी पत्र में खुद को मैगडोनिल के लिए अनुपयुक्त माना और उसे बहन कहते हुए तोहफे के लिए शुक्र अदा किया एवं उसके स्वास्थ्य की दुआ की।
३ इसके बहुत दिन बाद इटली में जनता के राज्य का ऐलान किया गया और मैजिनि सहित तीन व्यक्ति राज्य की देखभाल के लिए नियुक्त हुए। मगर फ्रांस की ज्यादतियों और पीडमांट के बादशाह की दगाबाजियों के कारण जनता का राज्य बिखर गया और मैजिनी रोम की गलियों की खाख छानने लगा। उसके दोस्तों रफे़ती, रसारीनो, पलाइनो, बर्नाबास आदि ने मौकापरस्ती दिखाई और उससे दगा की। वे मैगडोनिल से भी मैजिनी का बुरा कहते रहे मगर उसने यकीन नहीं किया। मैजिनी के खुद को कमजोर कहने ने उसे मैगडोनिल के दिल में और प्रतिष्ठित कर दिया। मगर यह हिकमत मैजिनी ने ही की थी। ताकि मैगडोनिल उसके दिल से अपना खयाल निकाल दे। असर उलटा हुआ और मैगडोनिल रोम के एक सराय में आ ठहरी। मैजिनी को वह दूर से प्रसन्न देखती मगर जब उसपर असफलताओं का वार हुआ तो वह उसे आ मिली।
६ मैजिनी रोम से लंदन जाकर बहुत दिन रहा और फिर सिसलेसिसली के आक्रोश की खबर सुनकर विद्रोह का नेतृत्व करने के लिए सिसली जा पहुंचा। मगर वहाँ विद्रोह का दमन हो चुका था। शाही फौज ने उसे जहाज से तरतेउतरते ही गिरफ्तार कर लिया और फिर मर जाने के भय से बूढ़े मैजिनी को रिहा कर दिया। मैजिनी ने जनता में चेतना फैलाने के उद्देश्य से स्वीटजरलैंड जाकर सालअख़बार भरनिकालना तकशुरु अख़निकालाकिया। और एक साल बाद ही आल्प्स पर्वत की तलहटी में स्वास्थ् लाभ के लिए लंदन जाते समय निमोनिया से उसकी मृत्यु हो गई। मैगडोनाल्डमैगडोनील ने उसके कब्र पर फूल चढ़ाए और उसके नाम से आश्रम खोलकर मुफलिस औरतों और गरीब लड़कियों की सेवा सुरु की। उसका आश्रम किसी भी नवागंतुक के लिए अपने घर जैसा था। तीन साल बाद उसकी मृत्यु हो गई और उसकी वसियत के अनुसार उसे उसी आश्रम में दपनादफना दिया गया।
 
== संदर्भ सूची ==