"ब्यास नदी": अवतरणों में अंतर

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| image_caption = [[हिमाचल प्रदेश]] में ब्यास नदी
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}}[[Image:Beasriverhp.jpg|thumb|left|[[हिमाचल प्रदेश]]में ब्यास नदी की स्थिति]]
'''ब्यास''' ({{lang-en|Beas}}, {{lang-pa|ਬਿਆਸ}}, {{lang-sa|विपाशा}}) [[पंजाब]] [[हिमाचल]] में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। नदी की लम्बाई 470 किलोमीटर है। [[पंजाब]] की पांच प्रमुख नदियों में से एक है। इसका उल्लेख [[ऋग्वेद]] में केवल एक बार है।<ref>’अच्छासिंधु मातृतमामयांस विपाशमुर्वीं सुभगामगन्मवत्समिवमातरासंरिहाणे समानं योनिमनुसंचरंती’, [[ऋग्वेद]] 3,33,3 </ref> [[बृहद्देवता]]<ref>बृहद्देवता 1,114</ref> में शतुद्री या [[सतलुज नदी|सतलुज]] और विपाशा का एक साथ उल्लेख है।
==इतिहास==
}}[[Image:Beasriverhp.jpg|thumb|left|[[हिमाचल प्रदेश]]में ब्यास नदी की स्थिति]]
ब्यास नदी का पुराना नाम ‘अर्जिकिया’ या ‘विपाशा’ था। यह [[कुल्लू]] में व्यास कुंड से निकलती है। व्यास कुंड पीर पंजाल पर्वत शृंखला में स्थित रोहतांग दर्रे में है। यह [[कुल्लू]], [[मंडी]], [[हमीरपुर]] और [[कांगड़ा]] में बहती है। कांगड़ा से मुरथल के पास पंजाब में चली जाती है। [[मनाली]], [[कुल्लू]], बजौरा, औट, पंडोह, [[मंडी]], सुजानपुर टीहरा, नादौन और देहरा गोपीपुर इसके प्रमुख तटीय स्थान हैं। इसकी कुल लंबाई 460 कि.मी. है। हिमाचल में इसकी लंबाई 260 कि.मी. है। कुल्लू में पतलीकूहल, पार्वती, पिन, मलाणा-नाला, फोजल, सर्वरी और सैज इसकी सहायक नदियां हैं। कांगड़ा में सहायक नदियां बिनवा न्यूगल, गज और चक्की हैं। इस नदी का नाम महर्षि ब्यास के नाम पर रखा गया है। यह प्रदेश की जीवनदायिनी नदियों में से एक है।
==स्थिति==