"ईडो": अवतरणों में अंतर
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'''ईदो''' (अंग्रेज़ी : [[:en:Ido|Ido]]) एक आयोजित भाषा है जिसके निर्माता चाहते थे की वह एक वैश्विक भाषा बने । उसका व्याकरण अत्यंत नियमशील होनेके कारण वह बिलकुल आसानीसे सिखी जा सकती है । यह भाषा [[रोमन लिपि]] में लिखी जाती है जिसमें 26 अक्षर हैं । इसके अक्षर हैं : a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z.
उदाहरण: ''Ido es la maxim facila linguo.'' ईदो सबसे आसान भाषा है ।
=== व्याख्या ===
कितना उपयोगी होगा अगर हम अन्य देशोंके लोगोंसे उसी तरह सम्भाषण या पत्र व्यवहार कर सकें जिस तरह हम अपने देशवासीयोंके साथ करते हैं | परन्तु अलग अलग भाषाएँ होनेके कारण यह अक्सर कठिन यातो असंभव हो जाता है | इस प्रश्न का हल कई लोग ऐसे देते हैं, "उन्हे अंग्रेजी सिखनी चाहिए"| यह सच है की अंग्रेजी दुनियामे सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा है, परन्तु उसे सीखनेमे अधिक ज्यादा वक्त और कुछ कलाकीभी जरूरत है, और वह दुनियामे हर जगह नही बोली जाती है| अंग्रेजी कई देशों से मिली जुडी होनेके कारण वह अपक्षपाती भाषा नही है| जो लोग अंग्रेजी बोलते हैं, उनके लिए, "उन्हे अंग्रेजी सीखनी चाहिए" यह उत्तर योग्य लगता होगा, मगर फ्रांसीसी बोलने वाले यह नही मानते|
इसलिए य़ूनायटेड नेशन्समे छः आधिकारिक भाषाएँ हैं, और य़ूनेस्कोमे आठ| यूरोपीय सम्मिलित अधिकारमेभी लगभग इतनिही भाषाएँ हैं, और वह अनुवाद और भाषांतर करनेमे कई करोडोंमे पैसे खर्च करते हैं| हालांकि अंग्रेजी और फ्रांसीसी भाषाएँ वहाँ वर्चस्व रखते हैं, आज़कल जर्मन देश के निवासी उनकी भाषाको ज्यादा वर्चस्व देनेकी मांग कर रहे हैं|
इन राष्ट्रीय भाषाओंमेसे किसी एक भाषाका उपयोग किया गया तो जिस देशकी यह मूल भाषा है, उस देशको अत्यंत राजनीतिक और सांस्कृतिक लाभ और श्रेष्ठता प्राप्त होगी| इस कारण से यह उपाय अन्य सदस्योंको स्वीकार नही है, तथापि यूनिवर्सल पोस्टल यूनियनमे आजभी फ्रांसीसी भाषाका उपयोग मुख्य भाषाके रूपमे किया जाता है|
इस समस्याका हल इसीमे है की कोई एक तटस्थ और आयोजित [[एस्पेरान्तो]] या ईदो जैसी भाषाका उपयोग किया जाए| इस भाषाका उपयोग जातीय भाषाओंके बदले मे रखना नही, मगर लोगोंके बीचके अंतरको मिटाने के लिए किया जाएगा, जो लोग और प्रकार से सम्भाषण नही कर पाते| इस तरहसे हम बीच रास्तेमे मिल सकते हैं और किसी एक पक्षको अन्य लोगोंसे ज्यादा लाभ नही होगा|
जो भाषा चुन ली जाए वह बहुत कृत्रिम नही होनी चाहिए| उसका शब्द संग्रह प्रचलित भाषाओंपर आधारित होना चाहिए (अक्षर विन्यास और उच्चारण असमान होनेके बावजुदभी इन भाषाओंमे कई शब्द समान है)| उसका व्याकरण हो सके उतना सरल होना चाहिए बिना किसी अपवाद या मुहावरोंके, जो राष्ट्रीय भाषा सीखनेवालोंके मार्गमे बाधाएँ उत्पन्न करते हैं|
इसी विचारने अनेक लोगोंको प्रेरित किया, इनमेंसे पाद्री श्लेयर, वोलापुक भाषाके आविष्कारक, और डोक्टर ज़ामेनहोफ, जिनकी भाषा एस्पेरान्तो पिछली एक शताब्दिसे आजतक दुनियामे सबसे ज्यादा जानी हुई भाषा है| कुछ सालोंके प्रयोगके बाद इस भाषामे कई सुधारना करनेके प्रस्ताव किए गये|
एस्पेरान्तोका एक नियम ऐसा है कि विशेषण और जिन शब्दोंको वह परिमित करते हैं, उनके अन्तिम अक्षर समान होने चाहिए| इस प्रकारकी जटिलताकी कोई आवश्यकता नही है जैसेकी अंग्रेजी और हंगरीकी भाषाएँ दिखलाती हैं जिनके व्याकरणमे विशेषण अपरिवर्तित होते हैं| और ज़ामेनहोफभी इस भावसे अनुकूल थे, परन्तु कई कारणोंसे एस्पेरान्तोके व्याकरण नियमोंमे बदल नही हुआ|
इन सुधारन सुझावोंके आधार पर कुछ वैज्ञानिकोंने और भाषाप्रवीणोंने मिलकर ईदो भाषाको विकसित किया| इस समितिमे भाषा प्रवीण प्रोफेसर ओटो जेस्परसन और फ्रांसीसी गणितज्ञ और दार्शनिक प्रोफेसर लुई कुतूरात सम्मिलित थे|
इन सुधारन सुझावोंके आधार पर कुछ वैज्ञानिकोंने और भाषाप्रवीणोंने मिलकर ईदो भाषाको विकसित किया| इस समितिमे भाषा प्रवीण प्रोफेसर ओटो जेस्परसन और फ्रांसीसी गणितज्ञ और दार्शनिक प्रोफेसर लुई कुतूरात सम्मिलित थे| इन्होने एस्पेरान्तो और इदीओम नेउत्राल जैसी निर्मित भाषाओंसे अति उत्तम विशेषताओंको चुना और इसमे सुधारना करके एक ऐसी भाषाका विस्तार किया जो दुनियामे सबसे सरल और रिति सहित भाषा अवश्य होगी|
डोक्टर ज़ामेनहोफकी दृष्टिमे एक और भहुत तार्किक और सुविधाजनक अनुमति थी| एस्पेरान्तो भाषामे कोई व्यक्ति या जानवरोंके संज्ञा (जैसे "अभिनेता" या "सिंह्") अधिकतर पुल्लिंग होते हैं| अगर इन शब्दोंका लिंग स्त्रीलिंगमे बदलना हो तो उनमे विभक्ति लगाई जाती है| इसकी जगह मे ज़ामेनहोफ संज्ञाओ में लिंग का भेद न रखनेकी सोचने लगे परन्तु यह बदल नही हूआ|
ईदो भाषामे यह सुधारनाएँ अपनायी गयी मगर एस्पेरान्तोमे नही| जिन लोगोंने इन दोनो आयोजित भाषाओंका अभ्यास किया है उनमेसे अधिकतर लोग ईदोको पसंद करते हैं| दोनो भाषाओंमे अनेक चीजें उभयनिष्ठ है, इनमे सम्मिलित है श्लेयर और ज़ामेनहोफकी प्रेरणा|
एस्पेरान्तो की प्रगति चाहने वालोंके असंदिग्ध उत्साह और व्यग्रताके कारण अन्तर्राष्ट्रीय सहायक भाषाके फैलावका विचार बहुत जाना हआ है | एस्पेरान्तोभी काफी जानी हुई और सरल भाषा है, मगर उसके अनोखे और असाधारण उच्चारण चिन्ह और अनावश्यक जटिलता के कारण कई लोग उसे पसंद नही करते | जहाँ एस्पेरान्तोमे कमीयाँ हैं वहा ईदो उन्हे सुधारकर आगे बढती है |
जिनको ईदोका अनुभव है उन्हे पता है कितना आसान है सोचना की हमें क्या कहना है, ना की हमें कैसे कहना चाहिए |
परन्तु यह सब हुई सिद्धांत विषयक बातें, साधारण व्यवहारमे ईदो कैसी है? ईदो बोलनेवालों की कई सम्मेलनें अनेक देशोंमे हो चुकी है | ईससे यह साबित होता है की इस भाषाका उपयोग सफल है |
ईदोके बारेमे पुस्तकें, शब्द सूचीयाँ, और व्याकरण सिखानेवाली पुस्तकें अनेक राष्ट्रीय भाषाओंमे प्रकाशित है | इस भाषामे काफी कविताभी लिखी हुई है, और एक वीर विषयक हास्यप्रद कहानीभी (लेखक आंद्रेयास जुस्त की पुस्तक "ला सेरचादो")| एक नई दुनिया उनकी राह देखती है जो भी इस प्रशंसनीय भाषाको सीखनेका थोडासा प्रयास करें |
इस भाषाका उपयोग शौक के तौरसे भी किया जा सकता है, और इसके अतिरिक्त दुनिया के बारेमे अधिक जानकारी प्राप्त करने का साधन भी हो सकता है |
इस समय ईदो सीखनेके लिए हिन्दीमे कोई पुस्तकें या अन्य साधन नही है | हिन्दी बोलने वाले किसी और भाषा के द्वारा ही ईदो सीख सकते हैं | अन्तरजालमे ऐसे कई स्तान हैं जहाँ पर अंग्रेजी या किसी और युरोपीय भाषाके द्वारा ईदो सीखी जा सकती है |
[[श्रेणी :भाषा]]
[[श्रेणी:विश्व की भाषाएँ]]
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