"विकिपीडिया:चौपाल": अवतरणों में अंतर

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::[http://www.jncasr.ac.in/hindi/tsumain.html जेएनउअके] वा [http://www.iisc.ernet.in/hindi/divisions-chemical.html भाविसं] द्वारा विद्युदणु का उपयोग। और संजीव जी, मै विद्युदणु नामक पृष्ठों को इलेक्ट्रॉन पर स्थानांतरण करनेके पूरे समर्थन मे हूँ। मेरा कहना ये था कि विद्युदणु नामक पृष्ठों को इलेक्ट्रॉन पर पुनर्निर्देशित भी कर दें, उने लाल ना छोड़ें। जिससे कि विद्युदणु खोजने वाला इलेक्ट्रान तक पहुच जाए। --<b>[[User:sumit sinha|<font color="orange">सुमित सिन्हा</font>]]</b><sup>[[सदस्य वार्ता:sumit sinha|<font color="blue">वार्ता</font>]]</sup> 17:03, 28 सितंबर 2013 (UTC)
:::आपके इन विकल्पों के लिए धन्यवाद। लेकिन ये दोनों ही लेख ठीक नहीं हैं, इससे अच्छा तो आप विद्युदणु शब्द का उल्लेख अपने शब्दों में करते। तकनीकी शब्दावाली आयोग एक भी जगह विद्यदणु शब्द का उल्लेख नहीं करता। चूँकि मेरा संस्कृत ज्ञान पिछले वर्षों में लगभग पूर्णतया क्षीण हो गया अतः अपने आप से शब्द को समझ नहीं पा रहा। फिर भी एक कोशिश कर रहा हूँ: विद्युदणु = विद्युत् + अणु (व्यंजन सन्धि जिसमें उसी वर्ग का तृतीय शब्द बन जाता है और उसी आधार पर त्+अ = द)। यदि मैं ठीक कह रहा हूँ तो मुझे आपका प्रस्ताव अच्छा लगेगा। यदि इसमें कुछ त्रुटि है तो कृपया इसमें सुधार करें।
:::आपके द्वारा दिये गये दोनों विकल्पों में त्रुटि यह है कि इन पृष्ठ के निर्माताओं ने न ही तो व्याकरण की तरफ ध्यान दिया और न ही शब्दों की ओर। उनका महत्व इस बात पर रहा है कि पाठकों को वो लेख पढ़ने में समस्या आती रहे अथवा उन्हें लगे की हिन्दी बड़ी कठीनकठिन है। उन्होंने इलेक्ट्रॉन और स्पेक्ट्रॉस्कोपी के लिए तो अनुवाद खोज लिया लेकिन व्याकरण की दृष्टि से वाक्य ठीक नहीं किये। इस अवस्था में बहुत से पाठक तो ऐसे होते हैं जिनका व्याकरण पर ध्यान नहीं जाता और वो कहते हैं कि विज्ञान बहुत कठिन है। उन दोनों ही पृष्ठों में न ही तो व्याकरण सही है और न ही लेखन शैली।<font color="green">&#9734;&#9733;</font>[[u:संजीव कुमार|<b><u><font color="Magenta ">संजीव कुमार</font></u></b>]] ([[User talk:संजीव कुमार|<font color="blue">✉✉</font>]]) 17:49, 28 सितंबर 2013 (UTC)
 
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