"विकिपीडिया वार्ता:विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ": अवतरणों में अंतर

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:मुज़म्मिल जी, मनोज जी,
मैं यह टिपण्णी चौपाल और अपने वार्ता पृष्ठ पर भी दे चुकी हूँ, प्रसंगवश यहाँ भी दे रही हूँ । मुझे महसूस हो रहा है, कि हिंद की बेटियाँ परियोजना को लेकर अभी भी कुछ कन्फ्यूजन है। दरअसल यह परियोजना बित्त,वाणिज्य, अर्थ, न्याय, विज्ञान, राजनीति, प्रशासन, प्रकाशन आदि क्षेत्रों की उन महिलाओं पर केंद्रित है, जो अपने उद्यम, योग्यता, प्रतिभा के बल पर अति उच्च पदों को प्राप्त करने में सफलता पायी है। मसलन भारत की राष्ट्रपति, भारत की प्रधानमन्त्री, लोकसभा या विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, बैंकिंग सेक्टर के चेयरमैन, रिजर्व बैंक के गवर्नर, सेवी के चेयरमैन, उच्च न्यायालय व् सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश,विभिन्न खेलों की कप्तान, उच्च व्यावसायिक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की संपादक, इलेक्ट्रोनिक मिडिया की समाचार समन्वयक अथवा निदेशक आदि। इस परियोजना के साथ लीलावती की समस्त बेटियों को जोडना भी न्यायसंगत नहीं होगा। केवल लीलावती की उन्हीं बेटियों को परियोजना के साथ जोड़ा जाना उचित प्रतीत होगा जिन्होंने विज्ञान जगत में उच्च व्यावसायिक पद प्राप्त किया है। वीरांगनाओं के लिए हिंद की विरांगनाएं, साहित्य,कला, फैशन व सौंदर्य के लिए अलग से कोई और परियोजना चलाई जा सकती है। इसमें केवल व्यावसायिक पदों को ही शामिल किया जाए अव्यवसायिक पदों को शामिल करने से यह परियोजना काफी बड़ी और असंतुलित हो जायेगी, जिसे आगे चलकर संभालना बहुत मुश्किल हो जाएगा। मेरे खयाल से यह तरीका सर्वाधिक श्रेयस्कर है। --<b>[[User:Mala chaubey|<font color="FF990">माला चौबे</font>]]</b><sup>[[User talk:Mala chaubey|<font color="green">वार्ता</font>]]</sup> 04:14, 14 अक्टूबर 2013 (UTC)
==सांचा==
मेरी राय में यदि सांचे में लिस्ट को यदि वर्णानुक्रम से सजाएं तो अच्छा रहेगा। ----<font color="orange">&#9741;</font>[[User Talk:Manojkhurana|'''<u><font color="green"> मनोज खुराना </font></u>''']] <sup>([[u:Manojkhurana| <font color="orange">सदस्यपृष्ठ</font>]]) </sup> 13:48, 15 अक्टूबर 2013 (UTC)
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