"मस्जिद ए नबवी": अवतरणों में अंतर

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[[File:Flickr - omar chatriwala - The "Enlightened" City.jpg|thumb|right|200px]]
मस्जिद-ए-नबवी ({{lang-ar|المسجد النبوي}}, अल-मस्जिद अल-नबवी, "पैगंबर की मस्जिद"), जिसे अक्सर पैगंबर की मस्जिद कहा जाता है, सऊदी अरब के शहर [[मदीना]] में स्थापितस्थित इस्लाम का दूसरा पवित्र स्थान है।
 
मक्का में [[मस्जिद-ए-हराम]] मुसलमानों के लिए पवित्र स्थान है। जबकि बैतुल मुक़द्दस में [[मस्जिद-ए-अक्सा]] इस्लाम का तीसरा पवित्र स्थान है।
 
== इतिहास ==
मस्जिद-ए-नबवी का निर्माण [[पैग़म्बर मुहम्मद]] ने सन् 622 अथवा 623 में करवाया था। मूल मस्जिद [[आयत]] आकार का था। पूर्व से पश्चिम इसकी चौड़ाई 63 क्यूबिट (30.05 मीटर) थी और उत्तर से दक्षिण इसकी लम्बाई 70 क्यूबिट (35.62 मीटर) थी। ये कच्ची ईंटों से बनाया गया था और इसकी छत ताड़ के पत्तों और मिट्टी की थी और इसमें ताड़ के तनों का खम्बों के रूप में प्रयोग किया गया था। छत 7 क्यूबिट (3.60 मीटर) ऊँची थी। बराम्दा खुला छोड़ा गया था। सन् 628 में [[ख़ैबर की जंग]] में विजय के बाद इसमें उत्तर, पूर्व और पश्चिम की ओर विस्तार किया गया और यह लगभग 93 क्यूबिट का वर्ग बन गया।<ref>{{cite bookSfn|title=Architectural Conservation in Islam : Case Study of the Prophet's Mosque|author=Syed Ahmad Iskandar Syed Ariffin|publisher=Penerbit UTM|year=2005|isbn=9789835203732|pagesp=49-51}}</ref>
 
ख़लीफ़ा [[अबु बकर]] के समय में मस्जिद में कोई ख़ास बदलाव नहीं किये गए। सन् 639 में ख़लीफ़ा [[उमर|उमर इब्न अल-ख़त्ताब]] ने मस्जिद में पुनः विस्तार किया और मस्जिद पूर्व से पश्चिम 113 क्यूबिट चौड़ी और उत्तर से दक्षिण 130 क्यूबिट लम्बी कर दी गयी। छत को 11 क्यूबिट (5.6 मीटर) ऊँचा कर दिया गया।{{Sfn|Syed Ahmad Iskandar Syed Ariffin|2005|p=54}}
==सन्दर्भ==
 
== सन्दर्भ ==
=== टीका ===
{{टिप्पणीसूची}}
 
=== ग्रन्थसूची ===
* {{cite book|ref={{Harvid|Syed Ahmad Iskandar Syed Ariffin|2005}}|title=Architectural Conservation in Islam : Case Study of the Prophet's Mosque|author=Syed Ahmad Iskandar Syed Ariffin|publisher=Penerbit UTM|year=2005|isbn=9789835203732}}
 
[[श्रेणी:सउदी अरब]]