"जम्मू-बारामूला रेलमार्ग": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Kashmir Valley Railway 401.jpg|thumb|[[श्रीनगर]]]]
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== प्रगति ==
{{Kashmir Railway}}
[[कश्मीर रेलवे]] के आरंभ हो जाने से जम्मू तवी रेलवे स्टेशन का महत्त्व दोहरा हो गया है। [[कश्मीर घाटी]] को जाने वाली सभी रेलगाड़ियां इस स्टेशन से होकर ही जाती हैं। कश्मीर घाटी रेलवे परियोजन का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसका ट्रैक [[उधमपुर रेलवे स्टेशन|उधमपुर]] तक पहुंच चुका है। जम्मू तवी की कई गाड़ियां उधमपुर तक विस्तृत की जा चुकी है और आगे [[कटरा]] तक विस्तार की जायेगी। २०१३ में उधमपुर-कटरा रेलवे लाइन के कार्य पूरे हो जाने से जम्मू लाइन कटरा तक विस्तृत हो जायेगी। [[जालंधर]]- [[पठानकोट]] रेल लाइन का दोहरीकरण हो चुका है और का विद्युतिकरण कार्य २०१३ तक पूरा होना नियोजित है। एक नई पीर-पंजाल रेल सुरंग (जिसे [[बनिहाल]] [[काज़ीगुंड  |काज़ीगुंड  ]]सुरंग भी कहते हैं) तैयार हो चुकी है और प्रचालन में भी दी जा चुकी है। इसके द्वारा बनिहाल की बिचलेरी घाटी को [[कश्मीर घाटी]] के काज़ीगुंड क्षेत्र से जोड़ गया है। सुरंग की खुदाई का कार्य २०११ तक पूरा हो चुका था और इसमें रेल लाइन स्थापन अगले वर्ष पूरा हो गया। उसी वर्ष अर्थात २०१२ के अंत तक परीक्षण रेल भी आरंभ हो गयी थी एवं जून २०१३ के अंत तक यहाँ यात्री गाड़ियाँ भी चलने लगीं।<ref>{{Cite web|url = http://www.mapsofindia.com/maps/jammuandkashmir/jammuandkashmirrails.htm|accessdate = २९ अगस्त, २०१३|title = बनिहाल - काज़ीगुंड रेल लिंक|publisher = मैप्स ऑफ़ इण्डिया}}</ref>
 
इस रेल कड़ी के साथ पीर-पंजाल रेल सुरंग का उद्घाटन २३ जून, २०१३ को हुआ था। इस कड़ी के द्वारा बनिहाल और काज़ीगुंड के बीच की दूरी १७ कि.मी कम हो गई है। यह सुरंग भारत में सबसे लंबी और एशिया की तीसरी लंबी रेलवे सुरंग है। इस सुरंग का निर्माण समुद्र सतह से ५७७० फ़ीट (१७६० मी.) की औसत ऊंचाई पर और वर्तमान सड़क मार्ग की सुरंग से १४४० फ़ीट (४४० मी.) नीचे हुआ है। इसका निर्माण हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने [[इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड|इरकॉन]] के [[उधमपुर रेलवे स्टेशन|उधमपुर]]-[[श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर|श्रीनगर]]-[[बारामुला]] रेल लिंक परियोजना के एक भाग के लिये किया है। इस रेल कड़ी के तैयार हो जाने से यातायात में काफ़ी सुविधा हो गयी है,विशेषकर सर्दियों के मौसम में जब भीषण ठंड और [[हिमपात]] के कारण [[राष्ट्रीय राजमार्ग १अ|जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग]] की सुरंग कई बार बंद करनी पड़ जाती है। २०१८ तक इस परियोजना की उधमपुर-बनिहाल कड़ी भी पूरी हो जायेगी और पूरा जम्मू-श्रीनगर मार्ग रेल-मार्ग द्वारा सुलभ हो जायेगा। तब तक लोगों को बनिहाल तक सड़क द्वारा जाना पड़ता है और वहां से श्रीनगर की रेल मिलती है। 
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==इन्हें भी देखें==
 
{{भारतीय रेल}}