"के पी सक्सेना": अवतरणों में अंतर

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==संक्षिप्त जीवन परिचय==
के पी सक्सेना का जन्म सन् 1934 में बरेली में हुआ था।<ref>[[डॉ. गिरिराज शरण अग्रवाल]] एवं डॉ. मीना अग्रवाल '''हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश''' (दूसरा भाग) [[संस्करण]]:2006, ISBN: 81-85139-29-6, प्रकाशक: [[हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर]], पृष्ठ: 91</ref> उनका पूरा नाम कालिका प्रसाद सक्सेना था। लेकिनकेपी रेलजब विभागकेवल और10 साहित्यवर्ष जगतके मेंथे वेउनके केपीपिता केका नामनिधन सेहो हीगया। अधिकउनकी लोकप्रियमाँ थे।उन्हें उन्होंने [[बरेली कॉलेज]]लेकर बरेली से वनस्पतिशास्त्र (बॉटनी) में स्नातकोत्तर (एमएससी) की उपाधि प्राप्त की थी। शिक्षालखनऊ पूर्णअपने करनेभाई के उपरान्तपास उन्होंने कुछगयी। समय तक लखनऊकेपी के एक कॉलेज में अध्यापन कार्य भी किया। इसी दौरान उन्होंने वनस्पति विज्ञान पर कुछ पुस्तकें भी लिखीं। बाद में उन्हें [[उत्तरमामा रेलवे]] में सरकारी नौकरी केकरते साथ-साथथे। उनकीचूँकि पहली पसन्दमामा के [[शहर]]कोई लखनऊऔलाद में हीथी पोस्टिंगअत: भीउन्होंने मिलकेपी गयी।को इसकेअपने बादबच्चे वेकी लखनऊतरह मेंपाला। हीकेपी स्थायीने रूपवनस्पतिशास्त्र से(बॉटनी) बसमें गये।स्नातकोत्तर उन्होंने(एमएससी) अनगिनतकी व्यंग्यउपाधि रचनाओंप्राप्त के अलावा [[आकाशवाणी]]की और [[दूरदर्शन]]कुछ केसमय लिएतक कई नाटक और धारावाहिक भी लिखे। '''बीबी नातियों वाली''' धारावाहिक बहुत लोकप्रिय हुआ। उनकी लोकप्रियता का अन्दाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि था कि मूलत: व्यंग्य लेखक होनेलखनऊ के बावजूदएक उन्हेंकॉलेज [[कविमें सम्मेलन]]अध्यापन मेंकार्य भी बुलाया जाताकिया। था।
 
बाद में उन्हें [[उत्तर रेलवे]] में सरकारी नौकरी के साथ-साथ उनकी पसन्द के [[शहर]] लखनऊ में ही पोस्टिंग भी मिल गयी। इसके बाद वे लखनऊ में ही स्थायी रूप से बस गये। उन्होंने अनगिनत व्यंग्य रचनाओं के अलावा [[आकाशवाणी]] और [[दूरदर्शन]] के लिए कई नाटक और धारावाहिक भी लिखे। '''बीबी नातियों वाली''' धारावाहिक बहुत लोकप्रिय हुआ। उनकी लोकप्रियता का अन्दाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि था कि मूलत: व्यंग्य लेखक होने के बावजूद उन्हें [[कवि सम्मेलन]] में भी बुलाया जाता था।
जीवन के अन्तिम समय में वे जीभ के [[कैंसर]] से पीड़ित हो गये थे। उनका निधन 31 अक्तूबर 2013 को लखनऊ में हुआ।<ref>[http://cgkhabar.com/satirist-kp-saxena-no-more-20131031/ छतीसगढ़ खबर, 31 अक्तूबर 2013, शीर्षक: लेखक के.पी. सक्सेना नही रहे]</ref>
 
जीवन के अन्तिम समय में वेउन्हें जीभ केका [[कैंसर]] से पीड़ित हो गयेगया थे।था उनकाजिसके निधनकारण उन्हें 31 अक्तूबरअगस्‍त 2013 को लखनऊ के एक निजी अस्‍पताल में हुआ।भर्ती कराया गया। परन्तु इलाज से कोई लाभ न हुआ और आख़िरकार उन्होंने 31 अक्तूबर 2013 सुबह साढ़े 8 बजे दम तोड़ दिया।<ref>[http://cgkhabar.com/satirist-kp-saxena-no-more-20131031/ छतीसगढ़ खबर, 31 अक्तूबर 2013, शीर्षक: लेखक के.पी. सक्सेना नही रहे]</ref>
 
==प्रमुख कृतियाँ==