"सागर (जलनिकाय)": अवतरणों में अंतर

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सागर दुनिया भर के लोगों के लिए भोजन, मुख्य रूप से [[मछली]] उपलब्ध कराता है किंतु इसके साथ ही यह कस्तूरों, सागरीय स्तनधारी जीवों और सागरीय शैवाल की भी पर्याप्त आपूर्ति करता है। इनमें से कुछ को मछुआरों द्वारा पकड़ा जाता है तो कुछ की खेती पानी के भीतर की जाती है। सागर के अन्य मानव उपयोगों में [[व्यापार]], [[यात्रा]], खनिज दोहन, बिजली उत्पादन और नौसैनिक युद्ध शामिल हैं, वहीं आन्न्द के लिए की गयी गतिविधियों जैसे कि तैराकी, नौकायन और स्कूबा डाइविंग के लिए भी सागर एक आधार प्रदान करता है। इन गतिविधियों मे से कई गतिविधियां सागरीय प्रदूषण का कारण बनती हैं। मानव संस्कृति में सागर महत्वपूर्ण है और इसका प्रयोग सिनेमा, शास्त्रीय संगीत, साहित्य, रंगमंच और कलाओं में बहुतायत से किया जाता है। हिंदु संस्कृति में सागर को एक देव के रूप में वर्णित किया गया है। विश्व के कई हिस्सों में प्रचलित पौराणिक कथाओं में सागर को विभिन्न रूपों में दर्शाया गया है। हिन्दी भाषा में सागर के कई [[पर्यायवाची]] शब्द हैं जिनमें जलधि, जलनिधि, नीरनिधि, उदधि, पयोधि, नदीश, तोयनिधि, कम्पती, वारीश, अर्णव आदि प्रमुख हैं।
 
==परिभाषा ==
==परिभासा ==
[[File:Oceans of the World.jpg|thumb|300px|पृथ्वी के सभी सगरो का समन्वय |alt=Cylindrical projection map of world's oceans]]
सागर पृथ्वी के सभी महासागरोमहासागरों का समनव्य है जिसके अन्तार्गतअन्तर्गत अटलांटिक महासागर ,पेसिफिक प्रशान्त महासागर,इंडियन हिन्द महासागर,और आर्कटिक समुन्द्रमहासागर आते हैहै। |हालाँकि समुन्द्रसमुद्र को एक छोटे परपेक्षपरिपेक्ष मे भी प्रियोगप्रयोग किया जा सकता है जैसे कीकि लाल सागर, ,उत्तरी सागर अदिआदि। |समुन्दरोसमुद्र और महासागरोमहासागर के बीच कोई खासविशेष अंतर नहीं हैहै। |अधिकतर समुन्द्रसमुद्र भूमि के किसी टुकडेटुकड़े के आस पास से गुजरते है पर ये भी हमेशा समुन्द्रसमुद्र की परिभासा मे नही आताआता। |"सर्गोसकी समुन्द्रसमुद्र किसी भी भूमि के टुकडेटुकड़े को नही छूताछूता। |समुन्द्रसमुद्र झीलों से बडेबड़े होते है और इनका पानी खारा होता है है।
 
==भौतिक पदार्थों का अध्ययन==
पृथ्वी पूरे सोरमंडल मे एकमात्र ग्रह है झा पर महासागर तरल अवस्था मे पाए जाते है |लगभग पृथ्वी का ९७.२ % पानी सगरो मे है