"संगणक संचिका": अवतरणों में अंतर
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कई अनुप्रयोग सभी सामग्री संचिकाओं को एक ही संचिका में घुसेड़ देते हैं, और अलग अलग प्रकार की जानकारी का हिसाब रखने के लिए अंदर ही निशान लगा के रखते हैं। [[डूम]] और [[क्वेक]] जैसे खेलों की सामग्री संचिकाएँ इसका एक उदाहरण हैं।
संगणक पर, संचिकाओँ को बनाना, बदलना, बढ़ाना, छोटा करना, स्थानांतरित करना, और मिटाना संभव है। अधिकतर मामलों में, संगणक कार्यक्रमों को संगणक पर चला कर यह सब किया जाता है, पर ज़रूरत हो तो संगणक का प्रयोक्ता भी संचिकाओं में बदलाव कर सकता है। उदाहरण के लिए, [[
[[यूनिक्स-जैसी]] प्रणालियों में प्रयोक्ता-क्षेत्र की प्रक्रियाएँ आमतौर पर सीधे संचिकाओं से नहीं उलझती हैं; [[प्रचालन प्रणाली]] एक [[पृथक्करण]] स्तर प्रदान करती है जिसकी वजह से प्रयोक्ता-क्षेत्र की ओर से संचिकाओं के साथ का लगभग सारा लेन-देन [[कठोर कड़ी|कठोर कड़ियों]] से होता है। कठोर कड़ियों के जरिए किसी संचिका का नाम दिया जा सकता है (या ये बेनाम - अतः अस्थायी - रह सकती है); विशुद्ध रूप से प्रचालन प्रणाली में संचिकाओं के नाम नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए प्रयोक्ता-क्षेत्र के कार्यक्रम किसी संचिका को मिटा नहीं सकते हैं, वे केवल उस संचिका की कड़ी को मिटा सकते हैं (उदाहरण के लिए [[खोल संगणन|खोल]] निर्देश <code>rm</code> या <code>mv</code> के जरिए, या बेनाम संचिकाओं के मामले में, केवल बहिर्गमन कर के ही), और यदि अष्ठि को यह पता लगता है कि इस संचिका की अब कोई और कड़ियाँ नहीं हैं, तो वह इस संचिका को मिटा सकता है। वास्तव में केवल अष्ठि ही संचिकाओं से लेन-देन करता है, पर प्रयोक्ता-क्षेत्र के अनुरोधों का (आभासी) संचिकाओं के जरिए इस तरह होता है कि प्रयोक्ता-क्षेत्र कार्यक्रमों को यह अज्ञात ही रहता है।
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जिन पर्यावरणों में संचिकाएँ नामित होती हैं, उनमें, संचिका के नाम व पथ की जोड़ी अनोखी होनी ज़रूरी है - कोई भी दो संचिकाओं का नाम व पथ दोनो किसी और संचिका के नाम व पथ से मेल नहीं खा सकते हैं। जहाँ संचिका बेनाम हो, नामित संदर्भ एक नामस्थान के अंतर्गत रहेंगे। अधिकतर बार किसी भी नामस्थान में मौजूद नाम ठीक एक या शून्य संचिकाओं को संदर्भित करेगा। लेकिन, कोई भी संचिका किसी नामस्थान में शून्य, एक या अधिक नामों से संदर्भित की जा सकती है।
अनुप्रयोग के प्रसंग के अनुसार, किसी भी संचिका या कड़ी के लिए उपयुक्त नाम किन्हीं खास अक्षरों से बनी होगी। संगणक प्रणाली पर निर्भर करता है कि यह नाम उपयुक्त है या नहीं। प्रारंभिक संगणक किसी संचिका के नाम में सीमित अक्षर व अंकों की अनुमति देते थे, लेकिन आधुनिक संगणक लंबे नाम रखने देते हैं (कुछ तो २५५ अक्षर तक) जिनमें लगभग किसी भी क्रम में [[यूनिकोड]] अक्षर या यूनिकोड अंक हो सकते हैं, ताकि एक ही नज़र में संचिका का मकसद समझ आ जाए। कुछ संगणक प्रणालियाँ संचिका नामों में खाली स्थान की अनुमति देते हैं, कुछ नहीं। संचिका नामों की लघुदीर्घाक्षर संवेदनशीलता [[संचिका प्रणाली]] द्वारा निर्धारित होती है। यूनिक्स संचिका प्रणालियाँ आमतौर पर लघुदीर्घसंवेदी होती हैं और प्रयोक्ता-स्तरीय अनुप्रयोगों को ऐसी संचिकाएँ बनाने देती हैं जिनके अक्षरों में केवल लघु और दीर्घ का फ़र्क हो। [[
अधिकतर संगणक, संचिकाओं को सोपान के आधार पर आयोजित करते हैं और इसके लिए फ़ोल्डर, निर्देशिका या कैटलाग का इस्तेमाल करते हैं। शब्द जो भी हो विचार एक ही है। हर फ़ोल्डर में कुछ संख्या में संचिकाएँ हो सकती हैं, और उनमें अन्य फ़ोल्डर हो सकते हैं। इन अन्य फ़ोल्डरों को उपफ़ोल्डर कहते हैं। इनमें और संचिकाएँ व फ़ोल्डर हो सकते हैं, आदि-आदि, ऐसे कर के एक वृक्ष-रूपी ढाँचा निर्मित होता है जिसमें एक "गुरु फ़ोल्डर" या ("जड़ फ़ोल्डर" - प्रणाली के अनुसार नाम अलग अलग है) होता है जिसके अधीन कितने भी स्तर तक संचिकाएँ व फ़ोल्डर हो सकते हैं। फ़ोल्डरों के भी संचिकाओं की तरह नाम हो सकते हैं (सिवाय जड़ फ़ोल्डर के जिसका अक्सर कोई नाम नहीं होता है)। फ़ोल्डरों के जरिए संचिकाओं को तार्किक तरीके से आयोजित करना सरल हो जाता है।
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जब भी कोई संगणक फ़ोल्डरों का इस्तेमाल करता है तो हरेक संचिका व फ़ोल्डर का केवल अपना नाम ही नहीं अपितु एक पथ भी होता है जो यह दर्शाता है कि वह संचिका या फ़ोल्डर किस फ़ोल्डर या फ़ोल्डरों में मौजूद है। इस पथ में एक विशेष चिह्न - जैसे कि <code>/</code> - को जरिए संचिका या फ़ोल्डर नामों के बीच में लिखा जाता है। उदाहरण के लिए इस लेख में दिए उदाहरण में, <code>'''/Payroll/Salaries/Managers'''</code> यह दर्शाता है कि <code>'''Managers'''</code> नामक एक संचिका, <code>'''Salaries'''</code> नामक फ़ोल्डर में है, ौर यह फ़ोल्डर <code>'''Payroll'''</code> में है। संचिका और फ़ोल्डर के नामों के बीच में आगे झुकी लकीर है, सर्वोच्च या जड़ फ़ोल्डर का कोई नाम नहीं है, अतः नाम आगे झुकी लकीर से शूरू होता है (यदि जड़ फ़ोल्डर का नाम होता तो वह पहली झुकी लकीर के पहले आता)।
कई(लेकिन सभी नहीं) संगणक प्रणालियाँ संचिका नामों मे [[संचिकानाम विस्ता|विस्तारों]] का इस्तेमाल करते हैं, इन्हें संचिका प्रकार भी कहा जाता है। विंडोज़ संगणकों में विस्तार संचिका के नाम के बाद एक बिंदु और बिंदु के आगे कुछ अक्षर का रूप लेता है, ये अक्षर संचिका के प्रकार की पहचान होते हैं। <code>'''.txt'''</code> विस्तार पाठ्य संचिका का पहचान है, <code>'''.doc'''</code> विस्तार किसी दस्तावेज़ का पहचान है, खासतौर पर [[
== संचिकाओं की सुरक्षा ==
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[[चित्र:PunchCardDecks.agr.jpg|right|thumb|एक [[छिदी पत्ती]] संचिका]]
[[चित्र:BRL61-IBM 305 RAMAC.jpeg|right|thumb|[[आईबीएम ३०५]] प्रणाली की जुड़वाँ [[डिस्क ड्राइव|डिस्क फ़ाइल]]]]
संचिका के लिए प्रयुक्त अंग्रेज़ी शब्द "फ़ाइल" का संगणक भंडारण के संदर्भ में प्रयोग १९५२ से ही [[छिदी पत्ती|छिदी पत्तियों]] में संचित जानकारी के लिए शुरू हो गया था।<ref>रॉबर्ट एस. केसी, व अन्य। ''छिदी पत्तियाँ: विज्ञान व उद्योग में इनकी उपयोगिता'', १९५२। आईएसबीएन।</ref> प्रारंभिक प्रयोग में लोग अंतर्निहित तंत्रांश (बजाय उसमें मौजूद सामग्री) को ही फ़ाइल कहते थे। उदाहरण के लिए [[आईबीएम ३५०]] की डिस्क ड्राइवों को "डिस्क फ़ाइल" कहा जाता था।<ref>मार्टिन एच वेइक। बैलिस्टिक रिसर्च लैबोरेटरीज़ रिपोर्ट सं. १११५। मार्च १९६१। [http://ed-thelen.org/comp-hist/BRL61-ibm03.html#IBM-305-RAMAC पृ. ३१४-३३१]।</ref> १९६२ के [[संगत समय साझा प्रणाली]] जैसी प्रणालियों में ऐसी संचिका प्रणालियाँ थीं जो एक ही संचय उपकरण पर कई "संचिकाएँ" प्रदर्शित करती थीं, और इस तरह इस शब्द का आधुनिक उपयोग शुरू हुआ। सीटीएसएस के संचिका नामों में दो हिस्से थे, एक प्रयोक्ता-पठनीय "प्रधान नाम" और दूसरा "अप्रधान नाम" जो संचिका का प्रकार बताता था।<ref>फ़र्नांडो जे कोर्बतो व अन्य "[http://larch-www.lcs.mit.edu:8001/~corbato/sjcc62/ एक प्रायोगिक समय साझा प्रणाली]।" ३ मई, १९६२।</ref><ref>जेरोम एच साल्त्ज़र ''[http://www.lcs.mit.edu/publications/pubs/pdf/MIT-LCS-TR-016.pdf सीटीएसएस तकनीकी टीका]''। परियोजना एमआईटी-एलसीएस-टीआर०१६</ref> यह आचार कई प्रचालन प्रणालियों द्वारा आज भी काम में लिया जाता है, इनमें [[
== इन्हें भी देखें ==
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