"मराठी साहित्य": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 2:
 
== इतिहास ==
मराठी [[साहित्य]] की प्रारंभिक रचनाएँ यद्यपि 12वीं शती से उपलब्ध हैं तथापि [[मराठी भाषा]] की उत्पत्ति इसके लगभग 300 सौ वर्ष पूर्व अवश्य हो चुकी रही होगी। मराठी के प्रथम चिन्ह [[मैसूर]] प्रदेश के [[श्रवणबेलगोला]] नामक स्थान की गोमटेश्वर प्रतिमा के नीचेवाले भाग पर लिखी हुई "श्री चामुंड राजे करवियले, गंगराजे सुत्ताले करविलय " यहपंक्ति मराठी भाषा की सर्वप्रथम ज्ञात पंक्ति है। यह संभवत: शक 905 (ई सन् 983) में उत्कीर्ण की गई होगी। यहाँ से यादवों के काल तक के लगभग 75 [[शिलालेख]] आज तक प्राप्त हुए हैं। इनकी भाषा का संपूर्ण या कुछ भाग मराठी है। मराठी भाषा का निर्माण प्रमुखतया, महाराष्ट्री, [[प्राकृत]] और [[अपभ्रंश]] भाषाओं से होने के कारण [[संस्कृत]] की अतुलनीय भाषासंपत्ति का उत्तराधिकार भी इसे मुख्य रूप से प्राप्त हुआ है। प्राकृत और अपभ्रंश भाषा को आत्मसात् कर मराठी ने 12वीं शती से अपना अलग अस्तित्व स्थापित करना शुरू किया। इसकी [[लिपि]] [[देवनागरी]] है।
 
ऐतिहासिक अनुसंधान करनेवाले अनेक विद्वानों ने यह मान लिया है कि [[मुकुंदराज]] मराठी साहित्य के आदि कवि हैं। इनका समय 1128 से 1200 तक माना जाता है। मुकुंदराज के दो ग्रंथ "विवेकसिंधु" और "परमामृत" है जो पूर्ण आध्यात्मिक विषय पर हैं। मुकुंदराज के निवासस्थान के संबंध में विद्वानों का एक मत नहीं है, फिर भी नीड जिले के अंबे जोगाई नामक स्थान पर बनी इनकी समाधि से वे मराठवाडा के निवासी प्रतीत होते हैं। वे [[नाथ सम्प्रदाय|नाथपंथीय]] थे। उनके साहित्य से इस पंथ के संकेत प्राप्त होते हैं।