"दिक्": अवतरणों में अंतर

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== दिक्-काल ==
[[दिक्-काल]] या स्पेस-टाइम (spacetime) की सोच को [[ऐल्बर्टअल्बर्ट आइनस्टाइनआइंस्टीन]] ने अपना [[सापेक्षिकता का सिद्धांत]] विकसित करते हुए प्रकाशित किया। इसके अनुसार समय या काल दिक् के तीन आयामों की तरह एक और आयाम है और भौतिकी में इन्हें एक साथ चार आयामों के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने कहा के वास्तव में ब्रह्माण्ड की सारी चीज़ें इस चार-आयामी दिक्-काल में रहती हैं। उन्होंने ने यह भी कहा के कभी-कभी ऐसी परिस्थितियाँ बन जाती हैं के अलग-अलग वस्तुओं को इन चार आयामों का अनुभव अलग-अलग प्रतीत होता है। मिसाल के लिए -
* ब्रह्माण्ड फैल रहा है। इसका बड़ा कारण यह नहीं है के ब्रह्माण्ड की वस्तुएँ तेज़ी से एक दुसरे से दूर जा रहीं हैं, बल्कि यह है के उनके बीच का दिक् स्वयं ही खिच कर फैल रहा है।
* जो चीज़ें तेज़ गति से चलती हैं, उनके लिए समय धीरे हो जाता है। अगर एक व्यक्ति स्थिर रहे और दूसरा व्यक्ति एक यान पर अपनी घड़ी के मुताबिक़ एक साल तक प्रकाश की ९९% रफ़्तार पर सफ़र करके वापस आ जाये तो दुसरे व्यक्ति के लिए एक साल गुज़रा होगा लेकिन पहले व्यक्ति के लिए सात साल गुज़र चुके होंगे।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/दिक्" से प्राप्त