"गोपीनाथ मुंडे": अवतरणों में अंतर
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'''गोपीनाथ मुंडे''' ({{lang-mr|गोपीनाथ मुंडे}}) एक [[भारत|भारतीय]] राजनेता है और [[महाराष्ट्र]] के पूर्व [[उपमुख्यमंत्री]] हैं। १९९५ में हुये विधानसभा के चुनावों में उन्होंने सफलता पाई और [[महाराष्ट्र]] राज्य के [[उपमुख्यमंत्री]] बने। उन्होंने अपनी पहचान ज़मीन से जुड़े एक कार्यकर्ता के तौर पर बनाई है और वे एक राजनेता के साथ-साथ एक कृषक भी हैं ।
<ref name="गोपीनाथ मुंडे को लेकर असमंजस काय">{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story.php/content/view/58411/Munde-crisis-Maharashtra-BJP-meeting-over.html
|title=गोपीनाथ मुंडे को लेकर असमंजस काय
|accessmonthday=[[२१ जून]]
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|publisher= [[आज तक]]
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<ref name="नवभारत टाइम्स">{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/1682321.cms
|title=पहले खुद को बेगुनाह साबित करेगा राहुल : मुंडे
|accessmonthday=[[२६ जून]]
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र राज्य में [[भारतीय जनता पार्टी]] का चेहरा हैं।
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महाराष्ट्र में [[भारतीय जनता पार्टी]] को खड़ा करने वालों में उनका नाम लिया जाता है। गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के कद्दावर ओबीसी नेता हैं।
<ref name="आईबीएन ७">{{cite web |url=http://khabar.ibnlive.in.com/news/55206/12/4
|title=बीजेपी में क्षत्रपों की बगावत की आखिर वजह क्या है?
|accessmonthday=[[२२ जून]]
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
|language=}}</ref>
वे ४० साल से [[भारतीय जनता पार्टी]] से जुड़े है। ३७ साल से चुनकर आ रहे है। गोपीनाथ मुंडे के शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से, शिवसेना से गठबंधन के संबंध २२ साल पुराने है।
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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== जीवन परिचय ==
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उनकी माँ का नाम लिंबाबाई मुंडे था। इनके अलावा पांडुरंग मुंडे को दो पुत्र थे।
<ref>{{cite web|url=http://india.gov.in/outerwin.php?id=http://loksabha.gov.in|title=Fifteenth Lok Sabha Members Bioprofile |publisher=National Informatics Centre|accessdate=2012-06-10}}
गोपीनाथ मुंडे की प्राथमिक शिक्षा जिल्हापरिषद नाथ्रा में ही सम्पन्न हुई। इसके बाद उन्होंने आंबेजोगाई के योगेश्वरी शिक्षण संस्था स्वामी रामानंद तीर्थ महाविद्यालय में अध्ययन किया। उन्होंने वाणिज्य उपाधि प्राप्त की।
<ref name="श्री. गोपीनाथ मुंडे - उपनेता लोकसभा">{{cite web |url=http://maharashtrabjp.org/Netritwa/PramukhNeta.aspx
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|publisher= [[आईबीएन ७]]
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<ref name="navbharattimes.indiatimes.com">{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/856899.cms
|title=गोपीनाथ मुंडे ने नामांकन पत्र दाखिल किया
|accessmonthday=[[२० सप्टेंबर]]
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गोपीनाथ मुंडे [[भारतीय जनता पार्टी]] के दिवंगत नेता [[प्रमोद महाजन]] के बहनोई है।
<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/1682321.cms▼
▲|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
विधायक धनंजय मुंडे भाजपा सांसद गोपीनाथ मुंडे के भतीजे है। राजनेता पंडित अण्णा मुंडे भाजपा सांसद गोपीनाथ मुंडे के बड़े भाई है।
<ref>{{cite web |url=http://www.bhaskar.com/article/MH-gopinath-munde-brother-will-be-join-nationalist-congress-party-2758835.html
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] नेता गोपीनाथ मुंडे ने उन दिनों को याद किया, जब वे सूपरस्टार राजेश खन्ना की हर पिक्चर देखा करते थे। मुंडे ने बताया कि अपनी युवा अवस्था में उनकी हर फिल्म पहले दिन पहले शो में देखी है।
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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स्नातक की शिक्षा समाप्त करने के पश्चात वो [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] से जुड़ गये और देशसेवा का व्रत लेते हुये यहीं से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की। मुंडेजी संघवादी थे जो सारा जीवन सादगी से रहे और गरीबों की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी को समर्पित किया। उन्होंने अपना जीवन [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] के प्रचारक के रूप में रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था।
<ref name="श्री. गोपीनाथ मुंडे - उपनेता लोकसभा"/>
मुंडे महाराष्ट्र की विधानसभा में १९८० से २००९ तक विधायक रहे। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री का कार्यभार सरकार में रहते हुए देखा। उपमुख्यमंत्री के रुप में वे अपने अच्छे कामों कारण प्रशंसा में रहे।
▲|title=गोपीनाथ मुंडे को लेकर असमंजस काय
|publisher= [[आज तक]]▼
▲|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
गोपीनाथ मुंडे को [[भारतीय जनता पार्टी]] की महाराष्ट्र इकाई का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है।
<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/56688225.cms
|title=मुंडे महाराष्ट्र भाजपा इकाई के अध्यक्ष चुने गए
|accessmonthday=[[२५ अगस्त]]
|accessyear=[[२००३]]
|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]▼
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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मुंडे की प्रतिभा को रेखांकित करने के बाद इन्हें [[भारतीय जनता पार्टी]] आलाक़मान ने दिल्ली बुला लिया। वे दिसम्बर २००९ में [[भारतीय जनता पार्टी]] के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुने गए हैं। सन् २००९ में वे [[लोकसभा]] के सदस्य चुने गये।
▲|title=गोपीनाथ मुंडे को लेकर असमंजस काय
गोपीनाथ मुंडे बीड लोकसभा से प्रतिनिधित्व के रूप में पहली बार प्रारम्भ किया था।
<ref>{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story.php/content/view/700297/9/76/congress-disappointed-after-by-polls-results.html
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<ref name="आज तक">{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story.php/content/view/689047/71/297/list-of-BJPs-star-campaigners.html
|title=बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में वाजपेयी का नाम
|accessmonthday=[[०९ जनवरी]]
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|publisher= [[बीबीसी हिन्दी]]
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<ref name="गोपीनाथ मुंडे">{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%87-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%AA%E0%A4%BE/%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%87-1090502052_1.htm
|title=गोपीनाथ मुंडे
|accessmonthday=[[२ मई]]
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== राजकीय कारकीर्द ==
कभी महाराष्ट्र मे बीजेपी के सर्वेसर्वा के तौर पर जाने वाले गोपीनाथ मुंडे के गडकरी ने ऐसे पर कतरे कि मुंडे को अब राजनीतिक पुनर्वास के लिए फिर राज्य की राजनीति में वापस लौटना पड़ सकता हैं। मुंडे की बेटी पंकजा ही मुंडे की विरासतदार है । पंकजा विधानसभी कि संदस्य है मुंडे के परळी चुनावक्षेत्र से । एक वक्त था जब महाराष्ट्र बीजेपी मे मुंडे- महाजन की तुती बोला करती थी । मुंडे का आदेश आखरी समछा जाता था । 1978 ने पहिली बार महाराष्ट्र वि्धानसभा का चुनाव लढा पर हार गये । इसके बाद बीड जीला परिषद के सदस्य बने । 1980 मे महाराष्ट्र बीजेपी मे सक्रमण का वक्त था , वसंतराव भागवत ने इसी समय पिछडे वर्ग को साख लेकर राजनिती करने की नयी राजनितीक संकल्पना रखी नाम था माधव .यानी माळी, धनगर, ओर वंजारी समाज को साथ लेकर आगे बढने की नीती. मुंडे वंजारी समाज का प्रतिनीधीत्व करते थे । इसी बदलाव की धारा मे मुंडे 1980 मे महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य बने.मुंडे महाराष्ट्र विधानसभा मे पोहच चुके थे। इस बीच 1985 सी का विधानसभा चुनाव मुंडे कॉग्रेस के उमीदवार से विधानसभा चुनाव रेणापुर से लढा ओर वो भी हारे । इसी दोरान हुवे 1990 के विधानसभा चुनावो मे मुंडे फिर एक बार विधानसभा पर पोहचे । इस दौरान मुंडेने अपनी पहचान पिछडो के नेता के तौरपर बना ली थी , विधानसभा मे आक्रमक नेता के तौर पर उन्होने अपनी छवी भी बनाई । 1993 के मुंबई बम धमाको के बाद शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने , पर गोपिनाथ मुंडे ने पवार का नाम अंडर्वल्ड डॉन दाउद इब्राहीमे से जोडकर पुरे राज्यमे दौरा कीया । मुंडे के प्रचार से पवार खासे बदनाम हुवे ओर 1995 मे महाराष्ट्र के गद्दीपर सेना बीजेपी की सरकार बैठी । साप था की सरकार मे गोपिनाथ मुंडे को उपमुख्यमंत्री के साख गृहमंत्री पद की बक्षिसी मीली । इस दौरान मुंडे ने पुरे महाराष्ट्र के कयी दौरे कीये जीसेस बीजेपी अपने साथ बहुजन समाज को जोड पायी ओर मुंडे बने लोकनेता । इसी समय मुंडे ने अपने आप को सहकार क्षेत्र से भी जोडा । बीजेपी सेना गटबंधनवाली सरकार मे मुंडे ने उपमुख्यमंत्री ओर गृहमंत्री के तौरपर अंडरवल्ड के खातमे पर जोर दिया , मुंबई पुलिस ने उन्हीके कार्यकाल मे कयी सारे अंडरवल्ड के गुरगो के एन्कांन्टर कीये । मुंडे की ये सबसे बडी सफलथा थी । दुसरी तरफ विकास की राह पर महाराष्ट्र को आगे ले जा रहे थे । मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे का काम कम किमत मे शुरू कीया रेकॉर्ड टाईम मे उसे पुरा भी कीया । मुंबई के रास्तोपर 55 पुलो का निर्माण किया । 2006 मे प्रमोद महाजन का निधन हुवा ओर मुंडे का महाराष्ट्र बीजेपी से वर्चस्व कम होता गया । महाराष्ट्र विधानसभा के 2009 के चुनावो मे मुंडे को मराठवाडा इलाके के तीकट देने को मंजुरी दी गयी पर मुंडे केवल अपनी बेटी पंकजा के साथ मीलकर दो सीटोपर विधायक चुनकर ला पाये ।
गोपीनाथ मुंडे पिछले दशकों से [[महाराष्ट्र]] की राजनीति की धुरी माने जाते हैं। उन्होने चुनावों मे [[भारतीय जनता पार्टी]] को भारी बहुमत से जिताने के लिए बहुत परिश्रम किया। दिवंगत नेता प्रमोद महाजन के साथ मिलकर उन्होंने [[महाराष्ट्र]] की [[भारतीय जनता पार्टी]] राजनीति को सफलता दिलाई थी। [[भारतीय जनता पार्टी]] शिवसेना १९९५ [[महाराष्ट्र]] राज्य विधानसभा चुनाव जीता और शिवसेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधनसत्ता में आ गया।
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गोपीनाथ मुंडे [[भारतीय जनता पार्टी]]-शिवसेना की गठबंधन सरकार में [[महाराष्ट्र]] के पूर्व [[उपमुख्यमंत्री]] और [[महाराष्ट्र]] के पूर्व [[गृहमंत्री]] बनाए गए और पांच साल तक पद पर रहे।
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▲|publisher= [[आईबीएन ७]]
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१९९० के दशक के मध्य तक अंडरवर्ल्ड खुलकर सामने आ गया और उसने नागरिकों को निशाना बनाया। कोई मालदार पार्टी आयोजित करे या ३० लाख रु. की मर्सिडीज खरीदे, माफिया की तरफ से वसूली का फोन आ जाता था। दिनदहाड़े शूटआउट होना आम बात थी। ४०,००० की संख्या वाली मुंबई पुलिस चुपचाप नजारा देखती और [[भारतीय जनता पार्टी]]-शिवसेना सरकार की विश्वसनीयता घट रही थी। तत्कालीन गृहमंत्री गोपीनाथ मुंडे ने गैंगस्टरों का सफाया करने के लिए पुलिस को एक तरह से असीमित अधिकार दे दिए।
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|publisher= [[आज तक]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]]ने गोपीनाथ मुंडे को उनका गृह जिला बीड से चुनाव मैदान में उतारा था। [[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता और [[महाराष्ट्र]] के पूर्व [[उपमुख्यमंत्री]] रहे गोपीनाथ मुंडे बीड महाराष्ट्र से लोकसभा के लिए प्रत्याशी हैं। वे जनसंघ के दिनों से ही पार्टी में सक्रिय रहे हैं और उन्होंने अपने संबंधी स्वर्गीय प्रमोद महाजन के साथ मिलकर राज्य में पार्टी का जनाधार मजबूत किया है। उन्होंने राज्य में [[भारतीय जनता पार्टी]] को काडर बेस्ट पार्टी से मास मूवमेंट में बदलने का काम किया है।
▲|title=गोपीनाथ मुंडे
गोपीनाथ मुंडे खुद एक कद्दावर और ताकतवर नेता थे, प्रमोद महाजन का करिश्मा या कहिए नाम का उनको सहारा था। आखिर [[महाराष्ट्र]] [[भारतीय जनता पार्टी]] में जिन्हें सबकुछ मुंडे के नाम से जाना जाता है। प्रमोद महाजन की हत्या के बाद [[महाराष्ट्र]] में [[भारतीय जनता पार्टी]] के पास गोपीनाथ मुंडे छोड़ दूसरा कोई बड़ा नेता नहीं बचा था। ऐसे में गोपीनाथ मुंडे को खुला मैदान मिला, लेकिन उनकी ढाल टूट चुकी थी। मुंडे पिछड़ी जाति से हैं और ओबीसी में उनका काफी वजन हैं। मुंडे राष्ट्रीय राजनीति में अपना रास्ता खोजने निकल पड़े। मुंडे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने लेकिन उनकी जड़ें महाराष्ट्र में ही रहीं। मुंडे जनाधार वाले नेता बीजेपी के पास नहीं हैं। मुंडे को आम कार्यकर्ताओं में काफी समर्थन था, जिसकी काट किसी के पास नहीं थी। खुद लोकसभा में चले गए, प्रमोद महाजन की बेटी को टिकट मिले इसलिए भी मुंडे को नाकों चने चबाने पड़े। [[भारतीय जनता पार्टी]] शिवसेना गठबंधन के शिल्पकार के तौर पर गोपीनाथ मुंडे-प्रमोद महाजन को जाना जाता हैं और इसी बात का फायदा उठाकर मुंडे फिर पार्टी पर दबाव बनाते रहे। गोपीनाथ मुंडे लोकसभा में उपनेता तो बनाया गया। मुंडे आज भी [[महाराष्ट्र]] [[भारतीय जनता पार्टी]] के एकछत्र नेता हैं। लेकिन महाराष्ट्र में मुंडे के वर्चस्व को कम नहीं आंका जा सकता। अपने करीबियों को टिकट दिलवाने की गलती मुंडे ने जरूर की, लेकिन इसका ये मतलब नहीं हैं कि मुंडे के पीछे जनाधार नहीं हैं। शिवसेना और बीजेपी गठबंधन को बरकरार रखने वाले लाल कृष्ण आडवाणी के बाद गोपीनाथ मुंडे आखिरी कड़ी हैं। राज्य में बहुजन समाज का दूसरा बड़ा नेता [[भारतीय जनता पार्टी]] के पास नहीं हैं। अपने दम पर लोगों को चुनाव जितवाए ऐसा करिश्मा भी किसी नेता के पास नहीं हैं।
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|publisher= [[आईबीएन ७]]
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जेपीसी के गठन की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में बयान दे कर जेपीसी के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी। जेपीसी में लोकसभा से [[भारतीय जनता पार्टी]] के गोपीनाथ मुंडे को सदस्य बनाया गया हैं।
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|publisher= [[आज तक]]
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लोकसभा में [[भारतीय जनता पार्टी]] के उपनेता गोपीनाथ मुंडे को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सुषमा स्वराज को विपक्ष का नेता बनाए जाने के बाद हाल ही में उपनेता नियुक्त किए गए मुंडे ३० अप्रैल २०१० तक इस पद पर बने रहेंगे।
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|publisher= [[आईबीएन ७]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने महाराष्ट्रराज्य में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को हराने के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) को साथ लेने का प्रस्ताव किया।
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|publisher= [[सहारा समय]]
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शिवसेना सूत्रों ने कहा कि ठाकरे इससे अवगत हैं कि कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को सत्ता से हटाने के उद्देश्य से मुंडे ने शिवशक्ति-भीमशक्ति गठबंधन को अंतिम रूप देने में अहम भूमिका निभाई।
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के नेता गोपीनाथ मुंडे के बड़े भाई पंडित अण्णा के दामाद मधुसुदन केंद्रे ने एनसीपी में जाने की तैयारी कर ली है। मुंडे के करीब रहे केंद्रे ने गत विधानसभा चुनाव में गंगाखेड क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।
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|publisher= [[दैनिक भास्कर]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] नेता गोपीनाथ मुंडे को मुंबई हवाई अड्डे पर राज्य पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वह हिंसा प्रभावित सांगली जिले में एक सभा को संबोधित करने जा रहे थे। डीसीपी बृजेश सिंह ने कहा कि मुंडे को साम्प्रदायिक हिंसा को ध्यान में रखते हुए मिरज जाने से रोक दिया गया और उनका बोर्डिन्ग पास जब्त कर लिया गया है। [[भारतीय जनता पार्टी]] सूत्रो ने कहा कि जिले में हालिया दंगों के सिलसिले में मुंडे मिरज में एक सभा को संबोधित करने वाले थे।
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|publisher= [[सहारा समय]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के उस बयान को एक सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें राज ने मुंबई बम धमाकों के लिए परप्रांतियों को जिम्मेदार ठहराया था। मुंडे ने कहा है कि इस दर्दनाक घड़ी में वोट बैंक की सियासत नहीं होनी चाहिए। सारा भारत एक है। हम सभी को एकजुट होकर आतंक का सामना करना चाहिए। हम सभी भारतीय हैं। भाषा, प्रांत, धर्म से ऊपर उठकर हमें मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे सहमत नहीं कि आतंकी हमले परप्रातियों की भीड़ से होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदंबरम का वह बयान हैरानी भरा है जिसमें उन्होंने गुप्तचर एंजेसियों की नाकामी से इनकार किया। २६-११ हमले के बाद बड़े-बड़े वादे और आश्वासन दिए गए थे, लेकिन इस हमले ने सरकार की लापरवाहियों की पोल खोल दी है। राहुल गांधी का बयान बेशर्मीभरा था। ४८ घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। मुंडे के मुताबिक पांच वर्ष पहले लोकल ट्रेन में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के फरार 12 आरोपियों की गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। २६-११ हमले के बाद गठित की गई राम प्रधान समिति की सिफारिशों पर राज्य सरकार ने कितना अमल किया है? इस संबंध में श्वेत पत्र जारी होना चाहिए।
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|publisher= [[दैनिक भास्कर]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] नेता गोपीनाथ मुंडे ने बीएमसी चुनाव में रिश्तेदारों को चुनावी टिकट देने का जोरदार विरोध किया है। साथ ही मजबूरी जताई कि ५० प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देने से बड़े व दिग्गजों को दूसरी जगहों पर अडजस्ट भी करना पड़ेगा। रविवार को घाटकोपर में मुंडे ने कहा कि देश में विदेशी दुकानें कतई नहीं खुलने दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि यहां विदेशी दुकानें खोले जाने का [[भारतीय जनता पार्टी]] पुरजोर विरोध करेगी। चुनावों के दौरान नात-रिश्तेदारों को टिकट देने का उन्होंेने डटकर विरोध किया। मुंडे ने ऐसे लोगों को चुनावी टिकट देने का समर्थन किया जिन लोगों ने पार्टी को बढ़ाने के लिए पसीना बहाया है और लोगों के लिए कुछ काम किया है। मुंडे ने कहा कि दरअसल, स्थानीय निकायों में ५० प्रतिशत महिला आरक्षण लागू किया गया है। इससे कई लोगों को पत्ते कट जाएंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है उस क्षेत्र के नगरसेवक या पार्टी पदाधिकारी के बहन, पत्नी, या फिर घर के ही किसी सदस्या या फिर रिश्तेदार को चुनावी टिकट दिया जाए, लेकिन मुंडे दिग्गजों को कहीं न कहीं सेट करने का समर्थन किया। मुंडे ने किसी कंपनी विशेष का नाम लिए बगैर कहा कि अपने देश में विदेशी दुकानें कतई नहीं खोलने दी जाएंगी।
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने मालेगांव विस्फोटों की न्यायिक या सीबीआई जांच की मांग करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री आर. आर. पाटिल के इस्तीफे की मांग की। पूर्व उपमुख्यमंत्री मुंडे ने कहा कि हाई कोर्ट के मौजूदा जज से इन धमाकों की जांच कराई जानी चाहिए, जिनका मकसद राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) के बजाय सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि एटीएस ११ जुलाई को मुंबई में हुए धमाकों की जांच करने में नाकाम रही है। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर गृह मंत्री पाटिल के इस्तीफे की भी मांग की।
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने मुंबई में हुए सीरीयल ब्लास्ट पर केंद्र की यूपीए सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि देश में आतंकवाद के खिलाफ कड़ाई से निपटने की जरूरत है। मौजूदा समय में केंद्र सरकार के पास कोई पुख्ता नीति नहीं हैं। मुंडे ने कहा कि अगर अमेरिका आतंकियों के खिलाफ किसी और देश में जाकर कार्रवाई कर सकता है तो भारत को भी इस दिशा में सोचना चाहिए। मुंडे ने कहा कि भारत को पहले अपने ही खुफिया तंत्र को मजबूत करना होगा। आज देश में हालात बिल्कुल भिन्न हो गए हैं। देश को एक पुख्ता और मजूबत खुफिया तंत्र की जरूरत है। मुंबई में सीरियल ब्लास्ट पर [[भारतीय जनता पार्टी]] नेता ने कहा कि [[भारतीय जनता पार्टी]] इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करती है। मुंडे ने कहा कि भारत विरोधी ताकतों की ओर से मुंबई पर यह जानबूझकर किया गया हमला है। उन्होंने कहा कि इस हमले ने साबित कर दिया है कि भारत पर आतंकी हमले अभी भी जारी है।
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|publisher= [[अमर उजाला]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के नेता गोपीनाथ मुंडे ने आरोप लगाया है कि 26 नवम्बर को आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों को महाराष्ट्र सरकार ने 25 लाख नहीं, सिर्फ 12 लाख रुपये दिए है। इस विषय पर चर्चा करने के लिए मुंडे ने विधानसभा में गृह मंत्री जयंत पाटील के खिलाफ विशेषाधिकार भंग प्रस्ताव रखा था। हमले के बाद मुख्यमंत्री ने शहीद हुए 14 पुलिसकर्मियों को 25 लाख रुपये और सेवानिवृत्ति के कालावधि तक वेतन देने का ऐलान किया था। मुंडे के अनुसार, एक दिसम्बर को राज्य के राजस्व सचिव रमेश कुमार द्वारा जारी जीआर में यह बताया गया कि चूंकि शहीदों को सरकार की ओर से 25 लाख रुपये मिलने वाले है अत: ड्यूटी पर मारे जाने वाली पुलिसकर्मियों को सानुग्रह अनुदान नहीं दिया जाएगा। इस मुद्दे पर हंगामा करते हुए मुंडे ने कहा कि वर्कमेन कॉम्पन्सेशन ऐक्ट के तहत ये कर्मी 13 लाख रुपये पाने के अधिकारी है। इससे घोषित 25 लाख रुपये मुआवजे का सरोकार नहीं है। वह अलग से दिए जाने चाहिए। इसका अर्थ यही हुआ कि सरकार उन्हें 25 लाख नहीं, 12 लाख ही देगी। मुंडे ने सरकार से यह भी जानना चाहा कि एटीएस के अधिकारियों का बीमा प्रीमियम क्या सरकार ने अदा कर दिया है? 8 जुलाई 2005 को सरकार ने एटीएस के पुलिस अधिकारियों का ग्रुप बीमा करने का आदेश दिया था पर उसक प्रीमियम नहीं भरा गया है नतीजतन शहीद हुए पुलिसकर्मी बीमा क्लेम से वंचित रह गए है। मुंडे ने इस बात पर भी कड़ी आपत्ति की कि पुलिस अधिकारी मीडिया को वह सारी जानकारी देते हैं जो सदन में बताई नहीं जाती। उन्होंने कहा पुलिस कस्टडी में बंद अजमल कसब की तस्वीरें मीडिया में कैसे छप रही हैं? मुंडे ने मंत्री पर भी सदन से पहले मीडिया में बयान करने का आरोप लगाया। इसीलिए उन्होंने विशेषाधिकार भंग प्रस्ताव की नोटिस दी है।
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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उत्तर प्रदेश में [[भारतीय जनता पार्टी]] के उम्मीदवारों के लिए भाजपा प्रचारकों की सूची में लोकसभा में [[भारतीय जनता पार्टी]] के उपनेता गोपीनाथ मुंडे का नाम शामिल हैं।
संसदभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में [[भारतीय जनता पार्टी]] नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि विपक्षी पार्टी के रूप में सरकार की आलोचना करना [[भारतीय जनता पार्टी]] का अधिकार है। मुंडे ने कहा, "लोकतंत्र में विपक्ष का यह कर्तव्य है कि वह सरकार की खामियां उजागर करे। लेकिन ऐसा बयान देकर कांग्रेस अध्यक्ष अपनी पार्टी की हताशा प्रदर्शित कर रही हैं क्योंकि कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और इसके बाद महाराष्ट्र एवं दिल्ली के निकाय चुनावों को हार चुकी है।"
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[[भारतीय जनता पार्टी]] ने रेल बजट २००९ की आलोचना करते हुए इसे दिशाहीन बताया है।[[भारतीय जनता पार्टी]] नेता गोपीनाथ मुंडे का कहना था कि बजट फास्ट ट्रैक रेल की तरह थी जो ग़रीबों के स्टेशनों पर बिना रुके आगे बढ़ गई।
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|publisher= [[अमर उजाला]]
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[[भारतीय जनता पार्टी]]ने सूखे को लेकर केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान [[भारतीय जनता पार्टी]] वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति बेहद खराब है। दो दर्जन से ज्यादा जिलों में पीने का पानी तक नहीं है। विदर्भ और मराठवाड़ा के आठ जिलों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। तीन माह में सौ से ज्यादा किसान खुदकुशी कर चुके हैं, लेकिन केंद्र की ओर से अब तक सूखा प्रभावित जिलों में कोई राहत कार्य शुरू नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने सिर्फ दर्जन भर जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है, जबकि यह संख्या दो दर्जन से भी ज्यादा है। केंद्र सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर सूखा प्रभावित जिलों का सर्वेक्षण कराकर राहत कार्य शुरू करने चाहिए। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में चारा, पीने के पानी और अनाज उपलब्ध कराने का प्रबंध किया जाना चाहिए। स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसान और कामगार अपने जानवरों को कत्लगाहों के हवाले कर कर्नाटक पलायन कर रहे हैं।
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उन्होंने भारत के सबसे बड़े घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य के रूप में बहुत दमदारी के साथ हिन्दी की आवाज बुलंद की और अपने आक्रामक तेवर से ये भी साबित किया है कि देश के अधिकांश लोग सरलता से हिन्दी समझ सकते है। टू जी आवंटन घोटाले की जांच के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य मुंडे ने इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज हिन्दी में उपलब्ध करने की मांग की। उन्होंने कहा कि समिति के सभी सदस्यों को ठीक समय पर हिन्दी में दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने चाहिए ताकि वे गवाहों का परीक्षण करने की तैयारी कर सकें. हिन्दी की आवाज बुलंद करते हुए मुंडे ने ये भी कहा कि यदि उन्हें हिन्दी में कागज़ उपलब्ध नहीं कराए गए तो वो समिति की बैठक में नहीं आएँगे। हिन्दी के पक्ष में आक्रामक तेवरों से गोपीनाथ मुंडे ने एक बहुत बड़ी बात कह दी। मुंडे ने जो कहा वही बात पूरे विश्व में फैला हिन्दी भाषी समाज एक अर्से से कहता आ रहा है। जिसे कारपोरेट जगत तो समझ चुका है लेकिन सत्ता प्रतिष् नों में बैठे लोग और भाषाई आधुनिकता के कथित मोह के शिकार लोग नहीं समझना चाहते। मुंडे की इस बात का मतलब एकदम साफ़ है। इसका मतलब ये है कि देश के एक बड़े तबके के लिए – जिसमें अहिन्दी भाषी लोग भी शामिल है और सैकड़ों सांसद भी – हिन्दी लिखना, पढना और बोलना अंग्रेजी की तुलना में ज्यादा आसान है। हिन्दी के लिए संसदीय समिति की बैठक के बहिष्कार की बात किसी हिन्दी भाषी ने नहीं बल्कि महाराष्ट्र के एक सांसद ने कही मगर हैरानी की बात है कि मुंडे की ये बात हिन्दी के किसी अखबार को रास नहीं आई, शायद यही कारण है कि हिन्दी के किसी भी अखबार ने इसे जगह नहीं दी। हिन्दी के अखबारों के लिए भले ही ये खबर न हो लेकिन हिन्दी से अनुराग रखने वाले लोगों के लिए ये बहुत बड़ी खबर है। तो हिन्दी को कोसने के लिए जो लोग राज आकरे की बुराई करते है उन्हें उससे भी ज़्यादा ताकत के साथ मुंडे की पीठ थपथपाना चाहिए ताकि और भी लोग हिन्दी के पक्ष में सच बोलने की हिम्मत जुटा सके।
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|publisher=[[इन्डियन एक्सप्रेस]]
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लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि पानीपत की तीसरी लड़ाई में शहीद मराठा सैनिकों की स्मृति में युद्ध स्थल पर भव्य स्मारक बनवाया जाएगा। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा। निराशा मिलने पर जनता के बीच जाकर सहायतार्थ धनराशि एकत्रित कर इस काम को अंजाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मारक को ऐसे स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां पहुंचकर आने वाली पीढ़ियां हिंदुस्तान के गौरवशाली इतिहास को जानकार गौरवान्वित हो उठेंगी। मुंडे शुक्रवार को पानीपत की तीसरी लड़ाई के २५० साल पूरे होने पर एसडी विद्या मंदिर स्कूल के आडिटोरियम में आयोजित शौर्य अभिवादन समारोह में बोल रहे थे। समारोह का आयोजन संयुक्त रूप से पानीपत रण संग्राम और महाराष्ट्रची शौर्य गाथा समिति ने किया। भाजपा नेता ने कहा कि यह मराठा जनमानुष की नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान की लड़ाई थी। इस लड़ाई में भले ही हार मिली हो मगर इसके परिणामस्वरूप ही अगली जीत हासिल हुई। छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं ने आम आदमी को लेकर जो संघर्ष किया वह सदियों तक हमें प्रेरणा देता रहेगा। समारोह के शुरू होने से पहले मुंडे ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने काला आंब पहुंच थे। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुंडे ने कहा कि युवा इस गौरवशाली इतिहास से वंचित रहें। इसीलिए भव्य स्मारक बनवाने का संकल्प लिया गया है। उनका मानना है कि लड़ाई का इतिहास हिंदुस्तान की जनता के सामने आना चाहिए। इसके लिए स्मारक एक बढ़िया माध्यम साबित होगा। स्मारक बनने के बाद लोग लालकिला और अन्य ऐतिहासिक स्मारकों की तरह इसे भी देखने पहुंचेंगे।
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|publisher= [[अमर उजाला]]
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एक ओर जहाँ [[भारतीय जनता पार्टी]] ने गोपीनाथ मुंडे को राजस्थान भेजा है और वे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से चर्चा कर रहे हैं।
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बूटा सिंह को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की है। [[भारतीय जनता पार्टी]] ने आरोप लगाया है कि बूटा सिंह खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। गोपीनाथ मुंडे ने कहा, 'बूटा सिंह ने पाटिल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी किया और मामले को रफा-दफा करने के लिए रिश्वत स्वीकार की। यह खुलेआम भ्रष्टाचार का मामला है और हम मांग करते हैं कि बूटा सिंह को उनके पद से हटाया जाना चाहिए।'
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|publisher= [[नवभारत टाइम्स]]
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लोकसभा में [[भारतीय जनता पार्टी]] के उपनेता गोपीनाथ मुंडे का कहना है, ''शक होता है कि केंद्रीय कृषिमंत्री शरद पवार अपनी वह बुलंद छवि फिर कैसे हासिल करेंगे जो कई साल पहले थी-ऐसे व्यक्ति की, जो कृषि में क्रांति ला सकता था, ऐसा व्यक्ति जो प्रधानमंत्री बन सकता था। कई लोगों ने उनका सम्मान करना छोड़ दिया है। इसतथ्य के सामने यह बात गौण है कि उन पर अभियोग लगेगा या नहीं।'' मुंडे ने लोकसभा में एक बार यह सबूत पेश करने का प्रस्ताव रखा था कि पवार ने अपने सरकारी विमान में दाऊद इब्राहिम के कथित शार्पशूटरों शर्मा बंधुओं (अनिल अमर सिंह शर्मा और अनिल निर्भय सिंह शर्मा) को बैठाया था। शर्मा बंधु सनसनीखेज जेजे हॉस्पिटल गोलीबारी में शामिल थे. लेकिन चतुर पवार ने यह कहकर अपनी चमड़ी बचा ली कि जब शर्मा बंधुओं ने उनके साथ यात्रा की थी तब उनके खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं था।
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा था कि वह इसरो-देवास सौदे पर स्पष्टीकरण दें. पार्टी ने आरोप लगाया था कि अंतरिक्ष विभाग के प्रभारी होने के नाते इस सौदे में हुई अनियमितताओं के लिए वह सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. गोपीनाथ मुंडे ने कहा, देवास सौदा 2जी स्पेक्ट्रम से भी ब़डा घोटाला है. मुंडे ने इस मामले को संसद में उठाने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विभाग प्रधानमंत्री के अधीन है इसलिए उन्हें संसद में स्पष्टीकरण देना चाहिए.
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[[भारतीय जनता पार्टी]] सीनियर लीडर गोपीनाथ मुंडे ने कहा है कि विधानसभाओं और लोकसभा में ओबीसी महिलाओं के लिए अलग कोटा होना चाहिए। हालांकि मुंडे ने इसे अपनी निजी राय बताया। उन्होंने कहा कि मैं कोशिश करूंगा कि मेरी पार्टी भी इस नजरिये को माने। महाराष्ट्र में ओबीसी लीडर्स की एक सभा को संबोधित करते हुए मुंडे ने कहा कि ओबीसी समाज की ओर से विमिंस रिजर्वेशन बिल में ओबीसी कोटा देने की मांग आ रही है। मैंने यह बता दिया है कि इस मामले में बीजेपी की राय अलग है, लेकिन मैंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मैं पार्टी तक उनकी मांग जरूर पहुंचाऊंगा।
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महाराष्ट्र में महिला रिजर्वेशन विधेयक पर पार्टी के ओबीसी वर्ग के नेताओं की बैठक में पार्टी के आधिकारिक रूख से अलग राय व्यक्त करते हुए गोपीनाथ मुंडे ने कहा था कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए कोटे पर विचार करने के लिए वह पार्टी पर दबाव बनाएंगे।
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[[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने यह कह कर महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी है कि ओबीसी के अधिकारों के लिए वह एनसीपी नेता छगन भुजबल के नेतृत्व में काम करने को इच्छुक हैं। मुंडे ने एक समारोह में कहा कि वह ओबीसी के राष्ट्रीय आंदोलन में भुजबल के नेतृत्व में काम करने को इच्छुक हैं। इसे बीजेपी नेतृत्व के भुजबल को राज्य में ओबीसी का नेता स्वीकार करने के तौर पर देखा जा रहा है। एक मंच से बोलते हुए मुंडे ने मुखर तौर पर ओबीसी की गणना को वर्तमान जनगणना में शामिल करने की बात कही। मुंडे ने कहा कि अन्य पिछड़े वर्गों की गणना जनगणना में शामिल होनी चाहिए। ऐसा नहीं किया गया, क्योंकि कुछ लोगों को भय है कि अपनी असली क्षमता जानने के बाद ओबीसी एकजुट हो जाएंगे। मुंडे ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है, जब ओबीसी जातियों की गिनती जनगणना में जगह नहीं की जा रही है। बीजेपी नेता ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि विधानसभाओं और लोकसभा में महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए भी आरक्षण होना चाहिए और वे प्रयास करेंगे कि उनकी पार्टी ([[भारतीय जनता पार्टी]]) यह रुख अपनाए।
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लोकसभा में विपक्षी उपनेता गोपीनाथ मुंडे के आग्रह को लेकर [[भारतीय जनता पार्टी]] में असमंजस है। ओबीसी को आरक्षण देने के बारे में भी मुंडे ने खुले आम एनसीपी के नेता छगन भुजबल से हाथ मिलाया है। इसीलिए मुंडे ने कोल्हापुर में हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस बात पर जोर दिया कि जाति के आधार पर जनगणना करने की मांग करने का निर्णय उनका नहीं, पार्टी का था। पार्टी के दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक का समापन करते हुए उन्होंने कहा कि सर्व समाज को सामाजिक न्याय दिलाने की छत्रपति शाहू महाराज की भूमिका से बीजेपी सहमत है। संसद में उसी का समर्थन उन्होंने किया और आखिरी दम तक करते रहेंगे।
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लोकसभा में लोकपाल बिल पर संसद में नियम 184 के तहत चर्चा की मांग गोपीनाथ मुंडेजी ने की। अन्ना हजारे के समर्थन में गोपीनाथ मुंडे रामलीला मैदान पहुंचे।
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[[श्रेणी:राजनेता]]
[[श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन]]
[[श्रेणी:जीवित लोग]]
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