"आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड": अवतरणों में अंतर
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==नूपुर राजेश को उम्रक़ैद की सजा==
26 नवम्बर 2013 को विशेष सीबीआई अदालत ने आरुषि-हेमराज के दोहरे हत्याकाण्ड में राजेश एवं नूपुर तलवार को आईपीसी की धारा 302 के तहत उम्रक़ैद की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने दोनों ही अभियुक्तों पर
[[अमर उजाला]] में प्रकाशित खबर के अनुसार दोनों अभियुक्तों की सजा का विवरण इस प्रकार है:<ref>{{cite web|title=आरुषि मर्डर केस: नूपुर और राजेश तलवार को उम्र कैद|url=http://www.amarujala.com/news/crime-bureau/aarushi-muder-case-sentence-to-talwars-to-be-pronounce/|publisher=[[अमर उजाला]]|date=27 नवम्बर 2013|accessdate=27 नवम्बर 2013}}</ref>
अदालत ने सीबीआई के वकील द्वारा की गयी फाँसी की माँग को ठुकराते हुए इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानने से इनकार कर दिया।
जस्टिस श्याम लाल द्वारा पारित जजमेण्ट ऑर्डर के मुताबिक भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के तहत डॉ राजेश तलवार और डॉ नूपुर तलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। आजीवन कारावास का मतलब तक जिन्दा रहेंगे उन्हें जेल में ही रखा जायेगा।
इसके अलावा धारा 201 के तहत दोनों मुल्जिमों को पाँच-पाँच साल क़ैद की सजा दी गयी। इसके साथ ही धारा 203 के तहत डॉ राजेश तलवार को एक साल की अतिरिक्त सजा भी हुई। तलवार दम्पति में [[पति]] राजेश तलवार पर 17 हजार जबकि [[पत्नी]] नूपुर तलवार पर पन्द्रह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
==सन्दर्भ==
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