"डिंगल": अवतरणों में अंतर
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डिंगल की ध्वनिसंघटना तथा व्याकरण मारवाड़ी या पश्चिमी राजस्थानी के ही अनुरूप है, किंतु इसका शब्दकोश अनेक ऐसे तद्भव, अर्धतत्सम तथा देशज शब्दों से भरा पड़ा है, जो उसी रूप में व्यवहृत नहीं पाए जाते। मिश्रण कवि सूर्यमल्ल के पुत्र मुरारिदान ने एक डिंगलकोष की रचना की है जिसमें डिंगल में प्रयुक्त शब्दों के अर्थ दिए हैं।
सम्पादक -------- राजेन्द्र सुथार
== वाचन और गायन ==
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