"भौतिक रसायन": अवतरणों में अंतर

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'''भौतिक रसायान''' (Physical chemistry या physicochemistry) [[रसायन विज्ञान]] की वह शाखा है जो भौतिक अवधारणाओं के आधार पर रासायनिक प्रणालियों में घटित होने वाली परिघटनाओं (phenomenon) की व्याख्या करती है।
 
[[द्रव्य की अविनाशिता का नियम|द्रव्य की अविनाशिता के नियम]] के साथ ही साथ भौतिक रसायन की नींव पड़ी, यद्यपि १९वीं शती के अंत तक भौतिक रसायन को रसायन का पृथक्‌ अंग नहीं माना गया। [[जैकोबस हेनरीकस वांट हॉफ|वांट हाफहॉफ]], विल्हेल्म ऑस्टवाल्ड और आरिनियस के कार्यें ने भौतिक रसायन की रूपरेखा निर्धारित की। स्थिर अनुपात और गुणित अनुपात एवं परस्पर अनुपात के नियमों ने, और बाद को [[आवोगाद्रो का नियम|आवोगाड्रो नियम]], गेलुसैक नियम आदि ने परमाणु और अणु की कल्पना को प्रश्रय दिया। [[परमाणुभार]] और [[अणुभार]] निकालने की विविध पद्धतियों का विकास किया गया। गैस संबंधी बॉयल और चार्ल्स के नियमों ने और [[ग्राहम का विसरण का नियम|ग्राहम के विसरण नियमों]] ने इसमें सहायता दी। [[विलयन|विलयनों]] की प्रकृति समझने में परासरण दाब संबंधी विचारों ने एक नवीन युग को जन्म दिया। पानी में घुलकर शक्कर के अणु उसी प्रकार अलग अलग हो जाते हैं जैसे शून्य स्थान में गैस के अणु। राउल्ट (Raoult) का वाष्पदाब संबंधी समीकरण विलयनों के संबंध में बड़े काम का सिद्ध हुआ।
 
== बॉयल-चार्ल्स समीकरण ==