"शचीन्द्रनाथ बख्शी": अवतरणों में अंतर

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==संक्षिप्त जीवन परिचय==
25 दिसम्बर 1904 को बनारस में जन्मे शचीन्द्रनाथ बख्शी के पिता मूलत: [[बंगाल]] के फरीदपुर जिले के रहने वाले थे जो बाद मे बंगाल से आकर संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के शहर बनारस में बस गये थे। एफ०ए० की परीक्षापढ़ाई छोडकरछोड़कर पहले सेण्ट्र्ल हेल्थ इम्प्रूविंग सोसाइटी बनायी फिर सेण्ट्रल हेल्थ यूनियन का गठन किया और उसके बैनर तले तैराकी की कई प्रतियोगिताएँ आयोजित की।कीं। दिल्ली की स्पेशल काँग्रेस के दौरान ये बिस्मिल के सम्पर्क में आये और उनकी क्रान्तिकारी पार्टी में स्वेच्छा से शामिल हो गये। [[झाँसी]] से निकलने वाले एक अखबार का सम्पादन किया। काकोरी काण्ड में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया थापरन्तु औरपुलिस के हाथ नहीं आये बल्कि फरार हो गये। शचीन्द्र नाथ बख्शी को [[भागलपुर]] से पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया जब काकोरी-काण्ड के मुख्य मुकदमे का फैसला सुनाया जा चुका था। स्पेशल जज जे० आर० डब्लू०जे०आर०डब्लू० बैनेट की अदालत में काकोरी षड्यन्त्र का पूरक मुकदमा दर्ज़ हुआ और 13 जुलाई 1927 को इन्हें आजीवन कारावास की सजा दी गयी। इसी पूरक मुकदमें में अशफ़ाकउल्ला खाँ को फाँसी हुई।
 
1937 में जेल से छूटकर आये तो काँग्रेस पार्टी में शामिल हो गये और पूरी निष्ठा से काम किया। स्वराज्य प्राप्ति के पश्चात गरीबी में भी हँसते हुए गुजारा किया। काँग्रेस की आपाधापी और आदर्श-भ्रष्टता से ऊबकर पार्टी छोडछोड़ दी और जनसंघ में चले गये। जनसंघ के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और [[उत्तर प्रदेश]] [[विधान सभा]] के सदस्य चुने गये।<ref>{{cite book |last1=क्रान्त|first1= |authorlink1= |last2= |first2= |editor1-first= |editor1-last= |editor1-link= |others= |title=स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास |url=http://www.worldcat.org/title/svadhinata-sangrama-ke-krantikari-sahitya-ka-itihasa/oclc/271682218 |format= |accessdate=5-12- 2013 |edition=1 |series= |volume=1 |date= |year=2006 |month= |origyear= |publisher=प्रवीण प्रकाशन |location=नई दिल्ली |language=Hindi |isbn= 81-7783-119-4|oclc= |doi= |id= |page=239 |pages= |chapter= |chapterurl= |quote= |ref= |bibcode= |laysummary= |laydate= |separator= |postscript= |lastauthoramp=}}</ref>
 
==सन्दर्भ==