"शचीन्द्रनाथ बख्शी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Krantmlverma (वार्ता | योगदान) कुछ छोटे-मोटे बदलाव जैसे लाघव चिन्ह (॰) आदि-आदि |
Krantmlverma (वार्ता | योगदान) छोNo edit summary |
||
पंक्ति 22:
बख्शी को [[भागलपुर]] से पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया जब काकोरी-काण्ड के मुख्य मुकदमे का फैसला सुनाया जा चुका था। स्पेशल जज जे॰आर॰डब्लू॰ बैनेट की अदालत में काकोरी षड्यन्त्र का पूरक मुकदमा दर्ज़ हुआ और 13 जुलाई 1927 को उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी गयी। 1937 में [[जेल]] से छूटकर आये तो [[कांग्रेस|काँग्रेस पार्टी]] के लिये जी-जान से काम किया।
स्वतन्त्र भारत में
==संक्षिप्त जीवन परिचय==
शचीन्द्रनाथ बख्शी का जन्म 25 दिसम्बर 1904 को बनारस में हुआ था। उनके पिता मूलत: [[बंगाल]] के फरीदपुर जिले के रहने वाले थे जो बाद में बंगाल से आकर संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के शहर बनारस में बस गये थे। सचीन दा ने एफ॰ए॰ (इण्टरमीडिएट) की पढ़ाई छोड़कर कुछ क्रान्तिकारी कार्य करने की सोची। इस उद्देश्य से उन्होंने पहले ''सेण्ट्र्ल हेल्थ इम्प्रूविंग सोसाइटी'' बनायी फिर ''सेण्ट्रल हेल्थ यूनियन'' का गठन किया। हेल्थ यूनियन के बैनर तले उन्होंने बनारस के नवयुवकों
बख्शी ने काकोरी काण्ड में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया था परन्तु पुलिस के हाथ नहीं आये। घर से फरार हो गये और [[बिहार]] में पार्टी का कार्य छुपे तौर पर करते रहे। उनको [[भागलपुर]] में पुलिस उस समय गिरफ्तार कर पायी जब काकोरी-काण्ड के मुख्य मुकदमे का फैसला हो चुका था। उन्हें और अशफाक को सजा दिलाने के लिये
1937 में [[जेल]] से छूटकर आये तो काँग्रेस पार्टी में शामिल हो गये और पूरी निष्ठा से काम किया। स्वराज्य प्राप्ति के पश्चात् गरीबी में भी हँसते हुए गुजारा
===शचीन्द्रनाथ बख्शी की पुस्तकें===
पंक्ति 47:
* [http://varanasi.nic.in/history/shahid.html#Freedom%20fighters%20of%20Varanasi वाराणसी के स्वतन्त्रता सेनानी]
* [http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2004-08-02/lucknow/27154421_1_kakori-rajendra-nath-lahiri-train काकोरी अभियोग]
{{Persondata <!-- Metadata: see [[Wikipedia:Persondata]]. -->
|