"पुस्तकालय विज्ञान": अवतरणों में अंतर

छो Reverted 1 edit by 220.225.252.213 (talk) identified as vandalism to last revision by 117.219.193.54. (TW)
पंक्ति 76:
पुस्तकों को ठीक से रखने के लिए जिससे वाँछित पुस्तक आसानी से प्राप्त हो जाय, पुस्तकों पर वर्गीकरण नजर डाले जाते हैं। इस समय दशमलव वर्गीकरण पद्धति, द्विबिंदु वर्गीकरण पद्धति, विस्तारशील वर्गीकरण पद्धति, लाइब्रेरी ऑव कांग्रेस वर्गीकरण, पद्धति, विषय वर्गीकरण पद्धति एवं वांङ्‌ मय वर्गीकरण पद्धतियाँ विश्व में प्रचलित हैं। संसार के अनेक पुस्तकालयों में दशमलव वर्गीकरण पद्धति ही प्राय: प्रचलित है। इस पद्धति का आविष्कार अमरीका निवासी मैल्विल डीवी ने सन्‌ 1876 ई. में किया था। दूसरी मुख्य पद्धति भारतीय विद्वान्‌ डा. एस. आर. रंगनाथन द्वारा 1925 ई. में आविष्कृत द्विबिंदु वर्गीकरण पद्धति है। सर्वप्रथम मद्रास पुस्तकालय संघ ने इसका प्रकाशन 1933 ई. में किया।
 
जिस पद्धति को पुस्तकालय स्वीकार करता है उसके अनुसार ही वर्गसंख्या पुस्तक के प्रमुख भागों पर अंकित कर दी जाती है।heetkkहै।
 
== सूचीकरण ==