"कोथ": अवतरणों में अंतर

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== कारण ==
 
१- *'''आघात-''' : अत्यधिक आघात से उत्पन्न व्रण, पिच्चित व्रण , शय्याज व्रण , अवगाढ कुशा से उत्पन्न व्रण तथा विकत पोषण वाले रोगियो के आघातज व्रण ईत्त्यादि अवस्थाओ मे उक्तियो मे विघटन अर्थात कोथ उत्पन्न होती ह ।
 
२-* '''रक्तवाहिनियो की व्यधियाँ''' -: रक्तवाहिनियो मे अनेक रोग हो सकते ह जैसे बरजर क रोग, रेनाड का रोग , एवम सिराओ कि विकतिया आदि।
 
(-) '''बरजर का रोग''' [(burger's disease])
 
यह व्याधि अधिक्तर पुरुषो मे पायी जाती ह । धुम्रपान से,अधिक उम्र मे calcium के जमा होने से तथा ह्र्द्यान्त्रावरण शोफ् से उत्पन्न अन्तः शल्यता आदि कारणॉ से धमनियो मे शोफ तथा एन्ठन उत्पन्न हो जाती ह् । इससे धमनियो मे सन्कोच होकर धमनियो का विवर कम हो जाता ह । इस रोग से प्रभवित स्थान पर रक्त कि न्युनता होकर कोथ उत्पन्न होती ह्।
 
() -''' रेनाड का रोग''' [( raynaud's disease] )
 
यह व्याधि प्रायः स्त्रियो मे होती है । शाखाओ कि धमनिया शीत के प्रति सूक्ष्म ग्राही होने पर धमनियो मे एन्ठन तथा सन्कोच उत्पन्न हो जाता ह। इससे रक्त प्रवाह मन्द पड जाता ह तथा रक्त्त वाहिका के अन्तिम पूर्ति प्रान्त मे रक्त न्युन्ता होकर कोथ उत्पन्न हो जाती है
 
(-) सिराओ'''सिराओं की विकति -विकृति'''
 
गम्भीर सिराओ मे घनस्र्ता उत्पन्न होने से जैसे अपस्फित सिरा मे तथा सिर मे सुचिभेद से सिरशोथ उत्पन्न होने से सिराओ मे रक्त परिभ्रमण के अव‍रुध या अत्ति नयून हो जाने पर उक्तियो मे कोथ उत्पन्न हो जाता है
 
(-) '''अन्य रोग- '''
 
मधुमेह के रोगियो मे परिसरियतन्त्रिका शोफ तथा उक्तियो मे अधिक मात्रा मे आ जाने से एवम धमनियोधमनियों मे केल्शियम के जमने से धातुओ मे रक्त न्युन्ता आ जाती ह, इससे सन्क्रमण उक्तियो मे शिघ्रता से कोथ उत्पन्न करता है
 
(च) '''संक्रमण'''
च- सन्क्रमण -
 
कोथ के जीवाणू प्रोटीन का विघटन करते ह तथा अमोनिया और सल्फ्युरेटेड हाइड्रोजन (sulphurated hydrogen) उत्पन्न करते ह।हैं। इनका व्रण पर सन्क्रमण होने से उनसे उत्पन्न हुई gasगैस पेशियो मे भर जाती है । इसक रक्त वाहिनियो पर दाब पडने से उन्मे रक्त अल्पता उत्पन्न होकर कोथ उत्पन्न हो जाती ह। है।
 
== लक्षण ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कोथ" से प्राप्त