"हिन्दुस्तान (समाचार पत्र)": अवतरणों में अंतर

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यह १९३२ में शुरु हुआ था। इसका उद्घाटन [[महात्मा गांधी]] ने किया था।
 
१९४२ का [[भारत छोड़ो आन्दोलन]] छिड़ने पर `हिन्दुस्तान' लगभग ६ माह तक बन्द रहा। यह सेंसरशिप के विरोध में था। एक अग्रलेख पर ६ हजार रुपये की जमानत माँगी गई। देश के स्वाधीन होने तक `हिन्दुस्तान का मुख्य राष्ट्रीय आन्दोलन को बढ़ावा देना था। इसे महात्मा गाँधी व काँग्रेस का अनुयायी पत्र माना जाता था। गाँधी-सुभाष पत्र व्यवहार को हिन्दुस्तान' से अविकल रूप से प्रकाशित किया।
१९४२ का भारत छोड़ो आन्दोलन छिड़ने पर `हिन्दुस्तान' लगभग ६ माह तक बन्द
रहा. यह सेंसरशिप के विरोध में था. एक अग्रलेख पर ६ हजार रुपये की जमानत
माँगी गई. देश के स्वाधीन होने तक `हिन्दुस्तान का मुख्य राष्ट्रीय
आन्दोलन को बढ़ावा देना था. इसे महात्मा गाँधी व काँग्रेस का अनुयायी
पत्र माना जाता था. गाँधी-सुभाष पत्र व्यवहार को `हिन्दुस्तान' से अविकल
रूप से प्रकाशित किया.
 
`हिन्दुस्तान' में क्रांतिकारी [[यशपाल]] की कहानी कई सप्ताह तक रोचक दर से प्रकाशित हुई। [[राजस्थान]] में राजशाही के विरुद्ध आंदोलनों के समाचार इस पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित होते रहे। [[हैदराबाद सत्याग्रह]] का पूर्ण `हिन्दुस्तान' ने समर्थन किया।
प्रकाशित हुई. राजस्थान में राजशाही के विरुद्ध आंदोलनों के समाचार इस
पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित होते रहे. हैदराबाद सत्याग्रह का पूर्ण
`हिन्दुस्तान' ने समर्थन किया.
 
[[देवदास गाँधी]] के मार्गदर्शन में इस पत्र ने उच्च आदर्शों को अपने साथ रखा और पत्रकारिता की स्वस्थ परम्पराएँ स्थापितकी। गाँधीजी के प्रार्थना प्रवचन पं [[जवाहरलाल नेहरू]] व [[सरदार वल्लभ भाई पटेल]] के भाषण अविकल रूप से `हिन्दुस्तान' में छपते रहे। दैनिक `हिन्दुस्तान' का [[पटना]] (बिहार) से भी संस्करण प्रकाशित हो रहा है।
देवदास गाँधी के मार्ग-दर्शन में इस पत्र ने उच्च आदर्शों को अपने साथ
रखा और पत्रकारिता की स्वस्थ परम्पराएँ स्थापितकी. गाँधीजी के प्रार्थना
प्रवचन पं जवाहरलाल नेहरू व सरदार पटेल के भाषण अविकल रूप से
`हिन्दुस्तान' में छपते रहे. दैनिक `हिन्दुस्तान' का पटना (बिहार) से भी
संस्करण प्रकाशित हो रहा है.
 
== प्रकाशन स्थल ==