"फणीश्वर नाथ "रेणु"": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 3:
 
== जीवनी ==
फणीश्वर नाथ ' रेणु ' का जन्म 4 मार्च 1921 को [[बिहार]] के अररिया जिले में फॉरबिसगंज के पास औराही हिंगना गांम्व में हुआ था। उस समय यह [[पूर्णिया]] जिले में था। उनकी शिक्षा भारत और नेपाल में हुई। प्रारंभिक शिक्षा फॉरबिसगंज तथा अररिया में पूरी करने के बाद रेणु ने मैट्रिक नेपाल के [[विराटनगर]] के ''विराटनगर आदर्श विद्यालय'' से '''कोईराला परिवार''' में रहकर की । इन्होने इन्टरमीडिएट [[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]] से 1942 में की जिसके बाद वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पङे । बाद में 1950 में उन्होने नेपाली क्रांतिकारी आन्दोलन में भी हिस्सा लिया जिसके परिणामस्वरुप [[नेपाल]] में जनतंत्र की स्थापना हुई । १९५२-५३ के समय वे भीषण रूप से रोगग्रस्त रहे थे जिसके बाद लेखन की ओर उनका झुकाव हुआ । उनके इस काल की झलक उनकी कहानी ''तबे एकला चलो रे'' में मिलती है । उन्होने हिन्दी में [[आंचलिक कथा]] की नींव रखी । [[सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय]], एक समकालीन [[कवि]], उनके परम मित्र थे । इनकी कई रचनाओं में [[कटिहार]] के रेलवे स्टेशन का उल्लेख मिलता है ।
 
== लेखन-शैली ==