"सुनील शास्त्री": अवतरणों में अंतर
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'''सुनील शास्त्री''' भारत के द्वितीय प्रधान मन्त्री [[लाल बहादुर शास्त्री]] के तृतीय पुत्र हैं। वे [[भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस]] के वरिष्ठ नेताओं में से एक रहे हैँ। उन्होंने अभी हाल में ही [[नरेन्द्र मोदी]] से प्रभावित होकर [[भारतीय जनता पार्टी]] की सदस्यता ग्रहण की है। इससे पूर्व [[अटल बिहारी वाजपेयी]] के प्रधानमन्त्रित्व काल में भी वह [[भाजपा]] की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति में राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। उन्होंने अपने पिता के जीवन पर आधारित एक पुस्तक भी लिखी है - ''लालबहादुर शास्त्री: मेरे बाबूजी।'' इस पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद Lal Bahadur Shastri: Past Forward के नाम से प्रकाशित हुआ है।
==संक्षिप्त परिचय==
13 फरबरी 1950 को जन्मे सुनील शास्त्री श्रीमती ललिता शास्त्री और श्री लालबहादुर शास्त्री के तीसरे पुत्र हैं। सेण्ट कोलम्बस स्कूल दिल्ली से प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात् उन्होंने [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] से ग्रेजुएशन किया। 1980 में सक्रिय [[राजनीति]] में आने से पूर्व वे [[बैंक ऑफ इंडिया|बैंक ऑफ इण्डिया]] में प्रबन्धक थे। उत्तर प्रदेश सरकार में मन्त्री भी रहे। उनका विवाह [[जयपुर]] निवासी मीरा शास्त्री से हुआ। उन दोनों के तीन बेटे हैं - विनम्र, वैभव और विभोर।
जब केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी सुनील शास्त्री काँग्रेस से त्याग पत्र देकर भारतीय जनता पार्टी में आ गये। वाजपेयी ने उन्हें केन्द्रीय कार्यकारिणी में संगठन का कार्य दिया। जिन दिनों नरेन्द्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे शास्त्री भी उनके साथ थे। बाद में जब अटलजी की सरकार चुनाव हार गयी और अटलजी का राजनीति में हस्तक्षेप कम हो गया सुनील शास्त्री ने भाजपा में उपेक्षित अनुभव करते हुए [[लालकृष्ण अडवाणी]] को अपना इस्तीफा सौंप दिया और काँग्रेस में चले गये। वहाँ भी उन्हें कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गयी। वे अपने स्वभाव के कारण परिस्थितियो से समझौता न कर सके।
जब भारतीय जनता पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को [[प्रधानमन्त्री]] पद का प्रत्याशी घोषित किया सुनील शास्त्री फिर से भाजपा में वापस आ गये। उन्हें [[कविता]], [[संगीत]] और सामाजिक कार्यों से विशेष लगाव है। सामाजिक-आर्थिक बदलाव पर अपने विचारों को वे पत्र-पत्रिकाओं में व्यक्त करते रहते हैं।
==बाहरी कड़ियाँ==
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