"ज्ञान योग": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
छोNo edit summary |
||
पंक्ति 1:
'''ज्ञान योग''' ''स्वंज्ञान'' अर्थात स्वं का जानकारी प्राप्त करने को कहते है। ये अपनी और अपनी परिवेश को अनुभव करने के माध्यम से समझना है।
स्वामी विवेकानन्द के ज्ञानयोग सम्बन्धित
== इन्हें भी देखें ==
|