"कच्छ": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
 
मिलें अवशेषों के आधार पर कच्छ प्राचीन सिन्धु संस्कृति का हिस्सा माना जाता है | सन १२७० में कच्छ एक स्वतंत्र प्रदेश था | सन १८१५ में यह ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन हुआ | रजवाड़े के रूप में कच्छ के तत्कालीन महाराजा ने ब्रिटिश सत्ता स्वीकार कर ली | सन १९४७ में भारत की स्वतंत्रता के बाद कच्छ तत्कालीन ' महागुजरात ' राज्य का जिला बना | सन १९५० में कच्छ भारत का एक राज्य बना | १ नवम्बर सन १९५६ को यह मुंबई राज्य के अंतर्गत आया | सन १९६० में भाषा के आधार पर मुंबई राज्य का महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजन हो गया तथा कच्छ गुजरात का एक हिस्सा बन गया |
शासक रुद्रदामन (दूसरी शताब्दी ई.) के राज्य में कच्छ भी शामिल था।
सन १९४७ में भारत के विभाजन के पश्चात सिंध और कराची में स्थित बंदरगाह पाकिस्तान के अंतर्गत चला गया | स्वतंत्र भारत की सरकार ने कच्छ के कंडला में नवीन बंदरगाह विकसित करने का निर्णय लिया | कंडला बंदरगाह पश्चिम भारत का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है |
महमूद ग़ज़नवी ने जिन स्थानों पर आक्रमण किया था, उनमें कच्छ भी एक था।
इतिहास में १६ जून सन १८१५ का दिन कच्छ के पहले भूकंप के रूप में दर्ज है | २६ जनवरी २००१ में आया प्रचंड भूकंप का केंद्र कच्छ जिले के अंजार में था | कच्छ के १८५ वर्ष के दर्ज भूस्तरीयशास्त्र के इतिहास में यह सबसे बड़ा भूकंप था |
मध्य काल में सुल्तान फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ने जब 1361-62ई. में सिंध पर आक्रमण किया तो वह कच्छ के रण में फँस गया था।
 
== प्रमुख आकर्षण ==
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