"कोहिमा का युद्ध": अवतरणों में अंतर

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[[File:Cemetery with kohima.jpeg|thumb|right|200px|कोहिमा के युद्ध में आज़ाद हिन्द फौज़ द्वारा मारे गये सैनिकों की स्मृति में [[ब्रिटिश साम्राज्य]] द्वारा बनाया गया युद्ध स्मारक ([[अंग्रेजी]] में सीमेट्री)]]
'''कोहिमा का युद्ध''' (४ अप्रैल १९४४ से २२ जून १९४४ तक) [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के समय १९४४ में ब्रितानी भारतीय सेना तथा [[सुभाष चन्द्र बसुबोस]] के नेतृत्व में [[आजाद हिन्द फौज]] एवं जापान की संयुक्त सेना के बीच [[कोहिमा]] के आसपास में लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यह एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ। यह युद्ध ४ अप्रैल १९४४ से २२ जून १९४४ तक तीन चरणों में लड़ा गया था। इस युद्ध को ब्रिटिश सेना से जुड़ी अब तक की सबसे बड़ी लड़ाई घोषित किया गया है। इस निर्णायक युद्ध में आज़ाद हिन्द फौज़ द्वारा मारे गये सैनिकों की स्मृति में [[ब्रिटिश साम्राज्य]] द्वारा एक युद्ध स्मारक ([[अंग्रेजी|अं:]] सीमेट्री) बना दिया गया है जिसकी देखरेख [[कॉमनवेल्थ]] करता है।
 
युद्ध स्मारक पर लगी पट्टिका पर '''जॉन मैक्सवेल एडमण्ड''' के ये शब्द अंकित हैं-
 
"जब तुम घर जाओ तो हमारे बारे में सबको बताना और यह कहना कि उनके भविष्य के लिये हमने अपना वर्तमान बलिदान कर दिया।" (When Youyou Gogo Homehome, Telltell Themthem Ofof Usus And Say,and say-For Theirtheir Tomorrowtomorrow, Wewe gave Ourour Todaytoday.)<ref>[http://militaryhonors.sid-hill.us/honors/kohima.htm युद्ध स्मारक पर लगी पट्टिका] अभिगमन तिथि: २३ जनवरी २०१४</ref>
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
==इन्हें भी देखें==
* [[सुभाष चन्द्र बोस]]
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://militaryhonors.sid-hill.us/honors/kohima.htm युद्ध स्मारक पर लगी पट्टिका पर लिखे सुप्रिद्ध वाक्य]