"मुह्म्म्द कि अहादिस": अवतरणों में अंतर

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मुहम्म्द की अहादीस

इकराम

१)हज़रत आइशा रजियल्लह अनहा प्हरमाती है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने इस बात का हुकम प्हरमाया कि हम, लोगो के सात उनके मरतबो का लिहाज़ करके बरताव किय कर्र । सही मुसलीम


२)हज़रत अबु सईद रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) को ईर्शाद प्हरमाते हुए सुना : हज़रत आइशा रजियल्लह अनहा प्हरमाती है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने इस बात का हुकम प्हरमाया कि हम, लोगो के सात उनके मरतबो का लिहाज़ करके बरताव किय कर्र । सही मुसलीम


२)हज़रत अबु सईद रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) को ईर्शाद प्हरमाते हुए सुना : मुजे मिसकीन तबीयत बनाकर ज़िन्दा रकि, मिसकीनी की हालत मै दुनिया से उटाइए ऑर मेरा हऋ मिसकीनॉ की जमाअत मै प्हरमाइए । मुस्तदरक हाकिम


३)हज़रत पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति) ने कहा - 'मुझे नहीं भेजे थे, ईश् वर या नुकसान पहुंचा, लेकिन मुझे पढाने के लिए भेजा गया और कामॉ आसान करने " - सही मुस्लिम


४)हज़रत पै.गंबर साहब (पर उसे शांति) ने कहा - 'वह है जो सबसे अधिक विश् वास में पूर्ण आस् था में होता है और आशीर्वादमिले। अपनी पत्नी को पूरी तरह से."


५)मसरुक ने कहा - 'मैं पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति) की पत्नी (जो आइशा ) पैगंबर अच्छे पत्र द्वारा बहुत प्यार करते थे। उन्होंने कहा: "एक पत्र लगातार किया."सही अल बुकारी, वाल्यूम 2, 232


६)हज़रत पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति) ने कहा : "अल्लाह के अनुसार आप आपके निकायों और न् यायाधीश नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने काश्रण नष् ट देखता है और समुक्ति करती है."


७)हज़रत पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति) ने कहा - 'संपदा के विभिन्न प्रकार के होते हैं, और वे खजाने हैं. खजाने (सभी) । अति थि-सत् कार का है जिसे अल्लाह मनुष् य ने एक लॉक कुंजी के लिए अच्छे और बुरे" 1366 अल तिर्मीजी


८)हज़रत अबु सईद रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने ईर्शाद प्हरमाया : पुरी स्च्चाई ऑर अमानतदारी के सात्ह कारोबार करने वाला ताजीर अम्बिया , सिद्दीकीन ऑर शुहदा के सात्त्ह हो। तिर्मीजी


९)हज़रत अब्दुल्ला रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने कहा, "ठीक नहीं है और न ही पडे में गंभीरता और न ही गंभीरता मजाक में ही है। आप अपने बच्चे की बात नहीं करनी चाहिए और फिर उसे वचन उनके लिए."


हुसने अखलाक

१) हज़रत अबुद्दर्दा रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने ईर्शाद प्हरमाया : कियमत के दिन मोंमिन के तराज़ू मे अच्चे अखलाक से ज़्यदा भारी कोई चीज़ नही होग । अबुदाऊद


२) हज़रत पै.गंबर मुहम्मद (पर उसे शांति और हाथ मिलाने) ने कहा - 'ऊिंचे हो जाएंगी। भेंट देना एक-दूसरे से प्यार और एक-दूसरे गायब हो और आपसी दुश्मनी" - अल मुवत्त्ह, वाल् यूम 47, 16 हदीथ


३) इब्न उमर ने कहा है, "लज्जा और विश् वास है। यदि उनमें से एक दूर हटा दिया जाता है, दूसरा."


४)पुसैला नामक एक महिला ने कहा कि उन्होंने उनके पिता से सुना कहते हैं, "मैंने पूछा, "अल्लह के लिए अवज्ञा का एक भाग है, मनुष्य में अपनी जनता को कुछ सहायता, जो अन्यायपूर्ण है?' 'हां' उन्होंने कहा था."


५) उक्बा की बेटी कुलथुम ने ' इब्न अबी मोतजिलियों सूचना, संदेशवाहक अल्लाह की सुनवाई कर सकता है कि वह उन्हें अल्लाह आशीर्वाद देने और उसे शांति, कहते हैं, "यह कहकर लोगों के बीच शांति किसी चीज है जो कुछ अच्छा से संबंधित नहीं है अथवा झूठा ।


६)हज़रत अब्दुल्ला रजियल्लह अन से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने ईर्शाद प्हरमाया :इस बीच "आपको सबसे उत्तम तरीकों के पास हैं, जो पत्रकार: "" अल-बुखारी, खंड 8: # 56ख


७)हज़रत आइशा रजियल्लह अनहा प्हरमाती है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने कहा : इस प्रकार है और ईश् वर के प्रति दयालुता दिखाने सारी चीजें पसंद है" (स्रोत: बुखारी मुबस्लम 633)


८)हज़रत अनास रजियल्लह अनहा प्हरमाती है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने कहा :(कोई भी नहीं चाहता है तो आप विश्वास "जब तक वह अपने भाई के लिए वह चाहे जो अपने लीए चाहे " अल-बुखारी खंड 1: #12


९)हज़रत अबू अल-बदरी से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (पर उसे शांति) ने ईर्शाद प्हरमाया : मनुष्य के खर्च पर उनके परिवार के एक चैरिटी है" अल-बुखारी खंड 5, 343 #