"रोमियो और जूलियट": अवतरणों में अंतर

नया पृष्ठ: {{WPCUP}} '''रोमियो और जुलियट''' एक दुखान्त नतक है जो विल्लिअम शक...
 
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राजकुमार एस्केलस् जो वेरोना का प्रबल राजकुमार है।
काउन्त पेरिस, राजकुमार एस्कलस का रिश्तेदार है जो जुलिएत को बियाना चाहता है।
मेर्क्युशिओमर्क्युश्यो राजकुमार एस्केलस का एक और रिश्तेदार है और रोमियो का दोस्त।
 
''केप्युलेत् का घर:''
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'''रोमियो और जुलिएतजुलियट कि त्रासिदि:'''
वेरोना मे निर्धारित, यह नाटक केप्युलेत और मोन्तेग्यु के सेवको के लडाई से शुरु होता है, जो अपने मालिको जैसे ही एक दूसरे से नफरत कर्ते है। राजकुमार एस्कलेस बीच मे आते हुए कहते है कि ज़्यादा दरारे दालने से मौत की सज़ा मिल सकती है। बाद मे, काउन्त पेरिस केप्युलेत कि बेटी जुलिएत के साथ रिश्ते का प्रस्थाव लेकर आते है, लेकिन केप्युलेत इस बात को तालते हुए उन्हे दो वर्श तक रुकने क समय देते हुए उन्हे केप्युलेत बाल मे पधारने का निमन्त्रन देते है। भद्रमहिला केप्युलेत और उसकी परिचारिका जुलिएत को पेरिस के प्रस्थाव को स्वीकारने के लिये मनाते है।
इसी दौरान, बेन्वोलिओ अपने रिश्तेदार रोमियो से उसकी हाल्हि उदासि के बारे मे बात करता है। तभी बातो के दौरान बेन्वोलिओ को पता चलता है कि रोमियो का हाल केप्युलेत की भतीजी रोज़लीन के द्वारा आसिन्तिक के वजह से हुआ है। मर्क्युश्यो और बेन्वोलिओ के दबाव मे आने से रोमियो, केप्युलेत के जन्समूह मे रोज़लीन से मिलने कि इच्छा मे जाता है। लेकिन वहा जाकर वह जुलियट से मिलता है और उसे उससे प्यार हो जाता है। जुलियट का रिश्तेदार ताइबाल्त इस बात से बहुत गुस्सा हो जाता है कि रोमियो सबसे छिपाते हुए उनके घर मे प्रवेश कर जाता है, लेकिन वह कुछ भी नही कर पाता क्योकि केप्युलेत अपने घर मे खून खराबा देखना नही चाहते। बाल के बाद रोमियो सबसे छिपाते हुए केप्युलेत के फुलोगान मे प्रवेश कर जाता है और चुपके से जुलियट के उसके प्रति प्रेम कि बातो को सुन लेता है, यह जानते हुए भी के मोन्तेग्यु वाले उनके रिश्ते को कभी नही सराहेङे। रोमियो फिर सामने आ जाता है और दोनो के बीच मे बात-चीत के बाद यह फैसला होता है कि वह एक दूसरे कि से शादी के बन्धन मे बन्ध जाएङे। फ्रायर लोरेन्स की मदद से, जिन्हे लगता है कि दोनो के शादी के बाद दोनो परिवारो मे सुख शान्ति हो सक्ति है, तो उन्होने कि अगले ही दिन शादी करवा दी।
इसी दौरान, ताइबाल्त कि रोमियो की तरफ छुप्ते छूपाते हुए बाल मे आने कि नाराज़गी से वह द्वन्द युध करना चाहता था। रोमियो, जो अब ताइबाल्त को अपना रिश्तेदार मानता है, इस युध से इन्कार कर देता है। मर्क्युश्यो, ताइबाल्त कि ध्रश्तता से नाराज़ होकर रोमियो के तरफ से युध को कुबूल् कर लेत है। मर्क्युश्यो को चोत पहुचति है, उनकी युध के वजह से जब रोमियो आकर इस युध को रोकना चह्ता है। बदे ही दुख और अप्राध बोध के साथ रोमियो ताइबाल्त का सामना करता है और उसे मार दालता है। राजकुमार, अपने रिश्तेदार को युध मे खोने के बाद, रोमियो को देश निकाले कि सज़ा देता है और कहता है कि अगर वह वेरोना मे वापस दिखाई दिया तो उसे मार दाला जाएगा। रोमियो गुप्त हो के जुलियट के कक्ष मे रहता है जहा पर वह दोनो अपनी शादी को पूरा करते है। केप्युलेत को लग्त है कि जुलियट इस बात से बहुत दुखी है तो वह पेरिस के रिश्ते के प्रस्थाव को स्वीकार कर लेते है और उसे धमकी देते हुए कहते है की अगर उसने इस शादी से इन्कार कर दिया तो वह उसे पहचान्ने से इन्कार कर देङे। जुलियट अपनी मा से प्रार्थना करते हुए कहती है की इस शादी को ताल दिया जाए, लेकिन उसकी मा मना कर देती है।
उसके बाद, जुलियट फ्रयर लोरेन्स से मदद माङ्ने जाती है, जो उसे एक दवा देते है और कहते है वह दवाई जुलियट को दो दिन बेहोशी के नीन्द मे रखेगी। फ्रयर उससे प्रतिग्ज्ञा करते है की किसी को रोमियो तक यह सन्देशा पहुन्चाने भेजेङे और उसके जगते ही वह भी इस मे शामिल हो पाएगा। शादी के एक रात पहले वह यह दवाई ले लेती है और सबको लगता है कि वह मर गई है जिसकी वजह से उसे परिवार के तहखाने मे रखा जाता है।
वह सन्देशवाहक रोमियो के पास नही पहुन्च पाया और रोमियो को अपने सेवक बाल्थज़र से यह खबर मिलि कि जुलियट क देहान्त हो गया है। शोकार्थ, रोमियो तेज़ाब खरिद्कर केप्युलेत के तहखाने मे जाता है। वह वहा पेरिस से मिलता है जो जुलियट के देहान्त से अत्यन्त दु:खी होता है। पेरिस, रोमियो को एक सत्यनाशी समझ बैटता है और दोनो के बीच मे लडाई होती है, जिसमे रोमियो पेरिस का वध कर देता है। रोमियो को लगता है कि जुलियट सच मे अब ज़िन्दा नही रही है, उसी कारण वह तेज़ाब पी लेता है। जुलियट के होश मे आते ही वह देखती है की रोमियो का देहान्त हो गया है, और उसी शण वह कटार का उपयोग करते हुए अपने आप को मार देती है। दोनो परिवार और राजकुमार मिलते है और तीनो को मरा हुआ पाते है। फ्रायर लोरेन्स दोनो के परिवारो को उनकी कहानी के बारे मे बताते है। दोनो परिवारो के बीच मे सुलह हो जाती है और वह अपनी लडाई का अन्त कर देते है। नाटक का अन्त राजकुमार के प्रेम गीत से होता है।