"मलयालम भाषा": अवतरणों में अंतर
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"थुन्छतु रामानुजन एऴुथछन"१६ वि सदि को मल्यालम भाश के आधुनिक पिता माना जाता है। रामानुजन जि कै आग्मन से हि मल्यालम भाशा मै एक परिवर्थन आया है। तब तक मल्यालम भाशा दो विबागो से झुडा था , वो हे सन्स्रक्रुथ और तमिल। मल्यालम भाशा , बक्थि साहिथ्य के एक नये प्रकार कि शुरुवाध के साथ , फोर्म और सामग्रि मे दोनो , एक कायापलट लिय , और यह आम थोर पर मल्यालम भाशा और साहिथ्य मै आधुनिक्था शुरु किय जाता है। मल्यालम साहित्य के पेहले काव्य जो आज उपलब्ध है , वो "छनक्य के अर्थशास्त्र"पर एक गध्य है। मल्यालम भाशा के और भि प्रसिध कव्यगत् भि १४ वि सधि का है। ये दोनो काव्यगत एक खास गध्य मै झोदा है , वो है मनिप्रवलम , यह भाशावो के सागम है , एक केरल क भाशा और दूसरा सन्स्रक्रित। इस सन्कर शैलि मै एक व्याकरन और लप्फाजि , सन्स्क्रिथ और काम मै १४ वि सधि मै कुछ समय लिका है और उसे "लैलातिलकम" बुलया जाता है। साहिथिय्क और भाशायि इथिहास के एक छात्र के लिये जान्कारि क मुख्य स्त्रोथ है।
इस पुस्थक के अनुसार साहिथ्य रचनवोन का "मनिप्रवलम" और "पत " शैलियो इस अवधि के दोरन प्रछलन मै थे। "प " क अर्थ गीत और अधिक या कम शुध मल्यालम का प्रथिनिधिथ्व करता है। "लीलायतिलकम" मै " " शैलि कि परिभाशा से , यह इस अवधि के दोरन केरल कि भाशा तमिल के साथ झुदा है , और अधिक या कम था कि अनुमन लगय जा सक्ता है , लेकिन मल्यालम इस अवधि के दोरान तमिल मे हि था , गलत तरिके से विश्वास हे कि कयि लोगो को गुम्रराह किय आज और पेहले।
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==आचार्यविग्ञन==:
मल्यालम शायध मल्यालम / तमिल शब्ध से शुरु हुआ है। "माला" क अर्थ है पहाडि और एलम क अर्थ शेत्र। इस प्रकार मल्यालम "पहाडि शेत्र" के रूप् मे उल्लेक किया जाता है , और बाध मे य्स नाम भाशा बन गया। इस भाशा क मध्य १९ वि सधि मै नाम मल्यालम मिल।
==विकास==:
द्र हेर्मन्न गुन्देर्त (१८१४-१८९३) एक गेर्मन मिस्सिओनेर्य और विग्ञन मल्यालम साहित्य के विकास मै एक प्रथ्यक भूमिक निबायि है। अनेक प्रमुख ग्रन्थोन "केरलोल्पथि" (१८४३) , "पऴन्छोलमला" (१८४५) , "मल्याल भाशा व्याकरनम" (१८५१) , "पाथमाल"(१८६०) , पेहलि मल्यालम स्छूल पात्य पुस्थक लिक गया था। पविथ्र बिब्ले को भि माल्यालम मै अनुवाध किया। एक साथ तमिल , तोदा कन्न्द और तुलु साथ मल्यालम द्रिविद भाशावोन के धक्शिनि समूह के अन्थ्गर्थ आता है। १८२१ मै कोत्तयम मै चर्च मिस्सिन सोचिएति के मल्यालम मै मुध्रन किथाबे शुरु कर दिया , बेञमिन बैलि एक अग्रेज़ि पातरि पेहलि मल्यालम प्रकार बनाया था।
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