"पिंजर (फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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= निर्माण का यात्रा =
 
''पिंजर'' पीरियड लुक की वजह से सराही गई। स्क्रिप्ट लिखने में आठ महीने लग गए। कुल छे महीने प्रे- प्रोडक्शन में और साथ महीने पोस्ट- प्रोडक्शन में लगे रहे, दो साल में फ़िल्म शूटिंग पूरी की गई । मुंबई फिल्मसिटी में सात एकड में छह सेट लगाए गए थे, जिसे 400 मजदूरों की 40 दिन की मेहनत के बाद तैयार किया गया था। चार करोड़ की लागत से बने सेट पर 50 दिन की शूटिंग हुई। कला निर्देशक मुनीष सप्पल ने अमृतसर, लाहौर के सेट को नाही सिर्फ तैय्यार किया, बल्कि सेट और वेशभूषा को उसी पीरियड के रूप में दर्शाया। इसके लिए इन्होने संग्रहालयों से शोध सामग्री और सहयोगियों का मदद लेकर तैयार किया। इसके अलावा , गांव के वास्तविक दृश्यों के लिए राजस्थान के ढुढलोंद गांव ( नवलगढ़), श्री गंगानगर के मटलीरठान गांव , अमृतसर के सराय अमानत खान , गुजरात के सूरत और मैसाना में फिल्म की आउट डोर शूटिंग हुई है ।
 
= चलचित्र के कलाकार और कार्मीदल =