"आर के लक्ष्मण": अवतरणों में अंतर

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==व्यवसाय:==
 
लक्ष्मण पहले-पहले ''स्वराज्य'' और ''ब्लिट्ज'' जैसे पत्रिकाओ के लिए काम करते थे। जब वे मैसूर के '''महाराजा कॉलेज''' में पढ़ रहे थे, तब वे अपने बड़े भाई आर.के. नारायण के कहानियों का वर्णन ''"द हिन्दू"'' पत्रिका में करते थे और स्थानीय पत्रिका ''"स्वतन्त्रता"'' के लिए राजनेतिक कार्टूनो को भी छुड़ाया करते थे। लक्ष्मण कन्नड़ के हास्य पत्रिक '''"कोरावंजी"''' के लिए भी कार्टूनो को छुड़ाया करते थे। संयोग से, कोरावंजी को अलोपथ '''डा. एम्. शिवराम''' ने सन्न १९४२ में स्थापित किया था जो स्वयं, हास्य को प्रोत्साहित करते थे। वे इस मासिक पत्रिका को हास्य और व्यंग्य कार्टूनो के लिए ही समर्पित किया था। डा. शिवराम स्वयं कन्नड़ के एक पख्यात टीटोलीय थे और उन्होंने लक्ष्मण को बहुत प्रोत्साहित किया। लक्ष्मण ने ''जैमिनी स्टूडियोज, मद्रास'' में गर्मियों क्र नौकरी क्र लिए आयोजित किया। उनकी पहली पूर्वकालिक नौकरी एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट के रूप में ''"द फ्री प्रेस जॉर्नल", मुम्बई'' में था। '''श्री बाल ठाकरे'''<ref>==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}https://en.wikipedia.org/wiki/Bal_Thackeray</ref> उनके सहयोगी थे। बाद में लक्ष्मण को '''"द टाइम्स ऑफ़ इंडिया"''' पत्रिका में नौकरी मिली और उन्होंने वहाँ ''पचास वर्षों'' से भी अधिक काम किया।
 
लक्ष्मण ने १९५४ में एशियन पैंट्स ग्रुप के लिए लोकप्रिय शुभकर '''"गट्टू"''' को बनाया। उन्होंने कुछ उपन्यास भी लिखे है। उनके कार्टूनों को ''"मिस्टर एंड मिसेस ५५"'' नामक हिंदी चित्र और ''"कामराज"'' नामक तमिल चित्र में दिखाए गए है। उनके रचनाओ में वह रेखाचित्र भी शामिल है जो ''"मालगुडी डेज",''जो श्री आर. के. नारायण द्वारा लिखित उपन्यास का टेलीविज़न अनुकूलन के लिए तैयार किये गए थे।
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आर. के. लक्ष्मण का पहला विवाह भरतनाट्यम नर्तकी और सिनेमा अभिनेत्री ''कमला लक्ष्मण'' से हुआ था(विवाह से पहले उन्हें बेबी कमला और कुमारी कमला के नमो से जाना जाता था)। उनसे तलाक के बाद, आर. के. लक्ष्मण ने फिर विवाह किया और उनके दुसरे पत्नी(बच्चो के किताब लेखिका) का नाम भी ''कमला'' था। फिल्म्फ़रे, एक सिनेमा पत्रिका के कार्टून सीरीज "''द स्टार ऐ हाव नेवर मेट"'' में उन्होंने कमला लक्ष्मण की एक कार्टून बनाकर उसको यह शीर्षक दिया ''"द स्टार ओनली ऐ हाव मेट"''।
 
सितम्बर २००३ में, लक्ष्मण एक स्ट्रोक के प्रभाव के कारण अपनी बाई ओर से रुक छोड़ दिया। वे इस आघात से कुछ दूर तक उबर पाये है। '''२०१२ अक्टूबर में, लक्ष्मण ने अपनी ९१व जन्मदिन को पुणे में मनाया।''' अप्ने निवास मे एक निजि सभा के दोरान,लक्ष्मण ने केक को कटा और उनके एक आराधक राजवर्धन पाटिल ने उन्हे ''"द ब्रेनी क्रो"'' नामक एक व्रित्छित्र को प्रस्तुत किया, जो इन्की सब्से पसन्दीदा पक्षी के जीवन और अस्तित्व के बारे मे था। शिव सेना प्रमुख श्री बाल ठाकरे, जो अतीत मे कार्टूनिस्ट के रूप मे लक्ष्मण के सहयोगी थे, ने उन्हे जन्मदिन की शुभकामनाये भेजे। इस दिन मे वैग्यानिक '''श्री जयन्त नार्लिकर'''<ref>==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}https://en.wikipedia.org/wiki/Jayant_Narlikar</ref>और सिम्बायोसिस विश्वविध्यालय के चान्सेल्लर श्री एस. बी. मजुम्दार ने भी उन्हे शुभकाम्नाये भेजे।
 
==सम्मान एवं पुरस्कार:==