"आर के लक्ष्मण": अवतरणों में अंतर
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==जन्म और बाल्यावस्था:==
आर के लक्ष्मण का जन्म '''मैसूर''' में हुआ था। उनके पिता मुख्याध्यापक थे और लक्ष्मण उनके छः पुत्रो में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई '''आर. के. नारायण'''<ref>==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}https://en.wikipedia.org/wiki/R._K._Narayan</ref> एक प्रसिद्ध उपन्यासकार और एम्. जे. विश्वविद्यालय, केरल के उपप्राध्यापक है। बचपन से ही लक्ष्मण को '''चित्रकला''' में बहुत रूचि थी। उन्होंने फर्श, दरवाज़ा, दीवार, आदि में चित्र बनाते थे। एक बार उन्हें अपने अध्यापक से '''पीपल के पत्ते''' के चित्र बनाने के लिए शभाशी भी मिला था, तबसे उन्होंने एक चित्रकार बनना चाहा। वे ब्रिटन के मशहूर कार्टूनिस्ट '''सर डेविड लौ'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/David_Low_(cartoonist)</ref> से बहुत प्रभावित हुए थे। लक्ष्मण अपने स्थानीय क्रिकेट टीम "रफ एंड टफ एंड जॉली" के कप्तान थे और उनके हरकतों से प्रेरित होकर ही उनके बड़े भाई ने ''"डोडो द'' ''मणि'' ''मेकर"'' और ''"द रीगल क्रिकेट क्लब"'' जैसे कहानियों को लिखा।
उनका सुखद बचपन तब हिल गया था जब उनके पिता को पक्षाघात के शिखार बने और उसके एक ही साल बाद उनका देहांत हो गया। तब लक्ष्मण ने स्कूली शिक्षा को जारी रखा पर घर के बाकी बड़ो की ज़िम्मेदारी बड़ गयी।
हाई स्कूल के बाद, लक्ष्मण आर्ट, ड्राइंग और पेंटिंग के हाई स्कूल के बाद, लक्ष्मण आर्ट, ड्राइंग और पेंटिंग के बारे में उनकी आजीवन हितों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद कर मुंबई के जेजे स्कूल के लिए आवेदन किया, लेकिन स्कूल के डीन ने उनको लिखा की उनके चित्र में वह बात नहीं थी जिससे वह उन्हें अपने कॉलेज में दाखिला दे स और उनके आवेदन को अस्वीकार किया। बाद में उन्होने '''मैसूर विश्वविद्यालय'''<ref>==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}https://en.wikipedia.org/wiki/University_of_Mysore</ref> से '''बी ए''' उतीर्ण किया। इसी दौरान उन्होंने अपने स्वतंत्र कलात्मक गतिविधियों को जारी रखा और '''स्वराज्य''' पत्रिका एवं एक '''एनिमेटेड''' '''चित्र''' के लिए अपने कार्टूनो का योगदान दिया। ==व्यवसाय:==
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