"राष्ट्रमंडल खेल घोटाला": अवतरणों में अंतर
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'''कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला''' 2011 में सामने आया जिसे भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक माना जा रहा है। यह जाना जाता है के रूप में कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में नई दिल्ली में आयोजित २०१० के कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी के चरण और आचरण के दौरान पैसे की बड़े पैमाने पर हेराफेरी शामिल किया गया। इस घोटाले का कुल मूल्य ७०,००० करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
किसी भी अन्य घोटालों की तरह यह राजनेताओं, नौकरशाहों और मिलीभगत में अभिनय कॉर्पोरेट्स शामिल किया गया।
* सुरेश कलमाड़ी, पूणे निर्वाचन क्षेत्र से १५ लोकसभा के लिए कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि। वह दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के अध्यक्ष थे।
*शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंउत्री: वह शुंगलू समिति और सीएजी, दोनों के द्वारा राष्ट्र्मंडल खेल प्रक्रियाओं में कई अनियमितताओं के लिए संकेत दिया गया था।
* रोबर्ट वाद्रा
* ललित भनोट, आयोजन समिति के महासचिव
* टी एस दरबारी, आयोजन समिति के संयुक्त महानिदेशक
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* बी एस लाली, प्रसार भारती के सीईओ
* एम जयचंद्रन, संयुक्त महानिदेशक (लेक और वित्त)
* ए एम फिल्मस
* ए एम कार्स
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* एच सि एल इनफोसिस्टमस
* स्वेका पवरटेक इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड
* आर.एस.पी. सिन्हा, एमतटीएनएल के सीएमडी
* एस.एम. तलवार, कार्यकारी निर्देशक एमतटीएनएल
* एन.के. जैन, जी एम (कोर्पोरेट सेल्स) एमतटीएनएल
* जितेंद्र गार्ग, डीजीएम एमतटीएनएल
घोटाला भी खेलों के आयोजन से पहले कैग ने पता लगाया था। वर्तमान में घोटाला सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है।
==घोटाला==
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